Ramadan 2023: रमजान का पाक महीना चल रहा है। इस महीने की शुरुआत 24 मार्च से हो गई है। वहीं इस्लाम धर्म में रोजे का विशेष महत्व है। बता दें, इस्लाम धर्म में सभी लोगों को रोजा रखना जरूरी माना गया है। इतना ही नहीं, वहीं कुछ लोगों को रोजा रखने से छूट दिया गया है। अगर ये लोग रोजा नहीं रखते हैं तो इन्हें गुनहगार नहीं माना जाएगा। तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं, किन लोगों को रोजा रखने से छूट दिया गया है।
बीमार और वृद्ध लोगों को है रोजा रखने से छूट
कुरान के मुताबिक, बीमार और वृद्ध लोगों को रोजा रखने से छूट दिया गया है। इतना ही नहीं, जिन लोगों के पास रोजा रखने की क्षमता नहीं है। यानी वो लोग मानसिक रूप से बीमार है या उन्हें ऐसी बीमारी है जिसके कारण वो रोजा रखने के काबिल नहीं है। उन सभी लोगों को रोजा रखने से छूट दी गई है। इसके अलावा छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भी रोजा रखने से मुक्त किया गया है।
पीरियड्स के दौरान रोजा न रखने की दी गई है छूट
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान रोजा रखने से छूट दी गई है। इसमें वो जितने भी दिन रोजा नहीं रखती हैं वो रोजा उन्हें बाद में रखना पड़ता है। मगर वो अपने पीरियड्स के दौरान रोजे नहीं रख सकती हैं।
सफर के बाद करें रोजा
कुरान के हिसाब से सफर के दौरान अगर रोजा रखने में व्यक्ति को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो उसे सफर के बाद छूटा हुआ रोजा रखना पड़ेगा। वरना व्यक्ति को इसका गुनाह लगेगा और इससे वो गुनहगार साबित होगा।
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ऐसे लोग होते हैं गुनहगार
जो लोग शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं और वो रोजा रखने में सक्षम है। इसके अलावा वो बालिग है और आसानी से रोजा रख सकते हैं। मगर वो लोग रोजा नहीं रख रहे हैं तो वो गुनहगार की श्रेणी में आएंगे। वहीं इस्माल धर्म के मुताबिक ऐसे लोगों को जहन्नुम नसीब होती है। ये लोग अल्लाह के गुनहगार होते हैं।
जानें रोजा का क्या है नियम
रोज सुबह सेहरी से प्रतिदिन रोजे की शुरुआत होती है। बता दें, सेहरी रात के तीसरी पहर की अजान से पहले उठकर की जाती है। वहीं दिन भर में पांच समय नमाज पढ़ा जाता है। इसके बाद शाम में नमाज पढ़ने के बाद इफ्तार किया जाता है। इफ्तार के साथ रोजा खुलता है।
बता दें, रोजा के दौरान अल्लाह की इबादत रखना सभी का फर्ज होता है। वहीं इस बीच सभी गरीबों की मदद करनी चाहिए। सभी जरूरतमंदों की मदद करने से सभी लोग सवाब मिलता है।
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