Shani Dev Aarti: हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार शनि देव को सूर्यदेव का सबसे बड़ा पुत्र एवं कर्मफल दाता माना जाता है। शनि देव को लेकर कई भ्रान्तियाँ भी हैं जिससे लोग उनकी पूजा कर अपने सफल मनोरथ की कामना करते हैं। ऐसे में आपको भी अपने मनोकामना को पूर्ण करने के लिए शनिवार के दिन शनि देव की आरती (Shani Dev Aarti) अवश्य पढ़ना चाहिए। आइए हम आपको यहां शनि देव की पूरी आरती उपलब्ध करा रहे हैं जिससे की आपकी पूजन प्रक्रिया पूर्ण हो सके।
Shani Dev Aarti
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव।
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव।
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव।
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव।
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
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