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Surya Grahan 2024: ग्रहण काल के दौरान ‘यौन संबंध’ बनाना सही या गलत? यहां जानें शास्त्र के साथ वैज्ञानिक तर्क

Surya Grahan 2024: इस लेख के माध्यम से हम आपको ग्रहण काल के दौरान 'संभोग या यौन संबंध' को लेकर शास्त्रीय और वैज्ञानिक तर्क के बारे में बताएंगे।

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Surya Grahan 2024
सांकेतिक तस्वीर

Surya Grahan 2024: वर्ष 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण आज यानी 2 अक्टूबर को लगने वाला है। समय सीमा की बात करें तो ग्रहण का काल कुल 6 घंटे 5 मिनट का होगा। इस खगोलीय घटनाक्रम की शुरुआत रात 9 जब कर 12 मिनट पर शुरू होगी जो देर रात्रि 3 बज कर 17 मिनट तक चलेगी। सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के ज़हन में कई तरह के सवाल हैं। जैसे कि क्या सूर्य ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा? क्या सूर्य ग्रहण के दौरान यौन संबंध बनाए जा सकते हैं?

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) को लेकर इस तरह के अन्य तमाम सवाल लोगों के मन में आ रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश करते हैं और साथ ही ये भी बताते हैं कि ग्रहण के दौरान ‘यौन संबंध या संभोग क्रिया’ को लेकर शास्त्रीय और वैज्ञानिक तर्क क्या हैं?

ग्रहण काल के दौरान ‘यौन संबंध’ बनाना सही या गलत?

ग्रहण काल को अमूमन अशुभ काल माना जाता है। ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण काल (Surya Grahan 2024) के दौरान नकारात्‍मक ऊर्जाएं पृथ्‍वी पर पड़ती हैं। ऐसे में इस तय समय के दौरान गर्भवती महिलाओं या कुछ मामलों में सामान्य महिला या पुरुषों को यौन संबंध बनाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है। दावा किया जाता है कि ग्रहण काल में ऐसा करने से कपल और आने वाले बच्चे पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।

वैज्ञानिक तर्क ठीक इससे उलट है। वैज्ञानिक तर्क है कि ग्रहण या फिर सामान्य काल में यौन संबंध बनाने से कोई परहेज नहीं है। कपल चाहे तो अपने निजी राय और विश्वास और आस्था के आधार पर इस संबंध में आवश्यक निर्णय ले सकता है। वैज्ञानिक तर्क ग्रहण को महज़ एक खगोलीय घटनाक्रम बताता है।

क्या भारत में भी दिखेगा सूर्य ग्रहण?

सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) को लेकर भारत के लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। इसमें सबसे प्रमुख है कि क्या ग्रहण भारत में भी दिखेगा? बता दें कि वर्ष 2024 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण भारत के बजाय अर्जेंटीना, उरुग्वे, फ्रेंच पॉलिनेशिया, ब्राजील, मेक्सिको, ब्यूनस आयर्स, पेरू, न्यू चिली और उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी समेत कुछ अन्य देशों में दिखेगा। ऐसे में भारत के लोग सूतक काल और ग्रहण काल के दौरान की जाने वाली तमाम क्रिया कलापों को लेकर निश्चिंत रह सकते हैं।

डिस्क्लेमर– यह सूचना सिर्फ मान्यताओं और इंटरनेट पर मिलने वाली जानकारी के आधार पर दी गई है। डीएनपी न्यूज नेटवर्क/लेखक किसी भी तरह की मान्यता व जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। आप किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।

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