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Tradition And Culture: हिंदू धर्म में महिलाएं क्यों पहनती हैं नाक में नथ, जानें इस शृंगार का महत्व

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Tradition And Culture: सभी महिलाएं श्रृंगार कर बेहद खूबसूरत लगती हैं। वहीं नथ उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। इसके अलावा हिंदू धर्म में शादी के बाद सभी महिलाएं नथ जरूर पहनती हैं। वरना उनका शृंगार अधूरा माना जाता है। सभी महिलाएं नथ और बिछिया के बिना अधूरी मानी जाती है। ये सुहाग का सबसे बड़ी निशानी है।

हिंदू धर्म में नथ पहनने की मान्यता है इसलिए सभी महिलाएं इसे मुख्य रूप से धारण करती हैं। मगर आपने कभी सोचा है इसके पीछे का क्या है रहस्य? आखिर हिंदू धर्म में नथ पहनने का क्या है रिवाज। तो आइए जानते हैं।

सोलह श्रृंगार की निशानी है नथ

महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार बेहद जरूरी है। सोलह श्रृंगार से महिलाओं का शृंगार पूर्ण होता है। वहीं नथ भी सोलह श्रृंगार में शामिल है। हर सुहागिन महिला को नथ धारण करना ही चाहिए। इससे इनकी खूबसूरती में चार चांद लग जाता है। वहीं ये उनके सुहाग की निशानी भी है। हिंदू धर्म में कहा जाता है नथ पहनना सुहाग की निशानी होती है। वहीं ये महिलाओं के श्रृंगार को पूर्ण करता है।

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सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है नथ

हिंदू धर्म शास्त्र में नथ सुहाग का प्रतीक माना जाता है। नथ धारण करने से महिलाओं का सौभाग्य बढ़ता है। इसलिए हर सुहागिन महिलाओं को नथ पहनने के लिए कहा जाता है। नथ पहनने से महिलाएं अपने सौभाग्य और सुहाग दोनों की रक्षा करती हैं।

नथ से खूबसूरती में लगता चार-चाँद

नथ महिलाओं के खूबसूरती की निशानी नथ है। नथ धारण करने से महिलाओं की खुबसूरती में चार चांद लग जाता है। अभी के समय में नथ का ट्रेंड काफी चला है। लड़कियां भी इसे पहनना खूब पसंद करती हैं। नथ पहनकर महिलाओं का लुक और भी खूबसूरत हो जाता है। इसलिए नथ पहनने का रिवाज कई सालों से चलता आ रहा है।

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