Friday, November 22, 2024
Homeधर्मValmiki Jayanti: रामायण के साथ इन 5 चीजों से भी है महर्षि...

Valmiki Jayanti: रामायण के साथ इन 5 चीजों से भी है महर्षि वाल्मिकी का कनेक्शन, जानिए जीवन से जुड़ी ये रोचक घटनाएं

Date:

Related stories

Vishnu Vrat Katha & Aarti Lyrics: विष्णु भगवान की पूजा करने से पूरे होते है काम, पढ़ें व्रत कथा और आरती

Vishnu Vrat Katha & Aarti Lyrics: हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार गुरूवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा करने से मन की कामनाएं पूरी होती है।

Valmiki Jayanti: श्री राम और माता सीता के जीवन पर आधारित रामचरित्रमानस को रचने का श्रेय महर्षि वाल्मिकी को जाता है. वहीं हर साल अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है इसी दिन इनका जन्म हुआ था. इसे वाल्मिकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है, उन्होने कठिन तपस्पा और ध्यान की शक्ती से कई तरह की सिद्धियां प्राप्त की थी. अपना पूरा जीवन उन्होंने भगवान राम जी की पूजा में बिताया आज उनके जीवन से जुड़े बड़े रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में केवल कुछ ही लोगों को पता होता है.

जान लीजिए कुछ खास बातें

संस्कृत के प्रखांड पंडित और ज्ञानी महर्षि वाल्मिकी को ब्रह्मा जी का मानस पुत्र माना जाता है, जिन्होनें संस्कृत भाषा में कई तरह का काव्य और गद्धय की रचना की. संस्कृत भाषा में सबसे पहली रचना भी उन्हीं की मानी जाती है.  

जन्म के बाद उन्हें भील कबीले के लोग चुरा कर ले गए थे जिन्होंने उनका नाम रत्नाकर रखा था. रामायण के एक अध्याय में वाल्मिकी जी नें स्वयं को माता प्रचेता के पुत्र के रूप में सम्बोधित किया है.

महर्षि वाल्मिकी को श्री राम के बारे में नारद मुनी से सबसे पहले पता लगा था जिसके बाद उन्होने अपना पूरा जीवन बिता दिया. प्रचलित कथाओं के अनुसार वाल्मिकी जी ने कड़ी तपस्या की थी जिसके बाद दीमकों ने उनके शरीर के अंदर घर बना लिया जिसके बाद उनका नाम वाल्मिकी पड़ा.

इन जगहों पर आता है नाम

वनवास के दौरान राम और लक्ष्मण की महर्षि वाल्मिकी जी से मुलाकात हुई थी और उसी घटना के बाद उन्होनें रामायण को क्रमबद्ध रूप से लिखना शुरू कर दिया. यह काम लंबे समय तक चला.

उत्तर रामायण के अनुसार भगवान राम ने धोबी की सुनवाई करते हुए अपनी पत्नी माता सीता का त्याग कर दिया था. तब वो भटकती हुई महर्षि वाल्मिकी के आश्रम पहुंची थी.

माता सीता ने जीवन के कई साल वाल्मिकी आश्रम में ही बिताए, घर छोड़ने के समय सीता गर्भवती थी इसलिए वहीं उन्होने लव और कुश नामक दो सुंदर बालको को जन्म भी दिया और पालन पोषण भी किया.

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Diksha Gupta
Diksha Guptahttps://www.dnpindiahindi.in
2022 से करियर की शुरुआत कर दीक्षा बतौर कंटेंट राइटर के रूप में अपने सेवाएं दे रही हैं। लिखने, पढ़ने और कुछ नया सीखने के जोश के साथ आगे बढ़ने में विश्वास करती हैं। साथ ही एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और वायरल खबरों पर लिखने में इन्हें विशेष रुचि है। diksha.gupta1019@gmail.com पर इनसे संपर्क कर सकते हैं।

Latest stories