Sunday, December 22, 2024
Homeधर्मVishnu Vrat Katha & Aarti Lyrics: विष्णु भगवान की पूजा करने से...

Vishnu Vrat Katha & Aarti Lyrics: विष्णु भगवान की पूजा करने से पूरे होते है काम, पढ़ें व्रत कथा और आरती

Date:

Related stories

Guru Nanak Jayanti 2024 से जुड़े धार्मिक मत क्यों है खास? Kartik Purnima और गुरु नानक जयंती का क्या है जुड़ाव? यहां जाने

Guru Nanak Jayanti 2024: दिवाली, गोवर्धन पूजा और छठ पूजा के बाद मनाई जाने वाली गुरु नानक जयंती का शुभ पर्व आज है। सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) की जयंती के दिन मनाए जाने वाले इस खास प्रकाश पर्व (Prakash Parv) को कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाते हैं।

Valmiki Jayanti 2024: महर्षि वाल्मिकी का आध्यात्मिकता और दर्शन पर प्रभाव क्यों है अहम?

Valmiki Jayanti 2024: महाकाव्य व पवित्र ग्रंथ के रूप में देश-दुनिया में अपनी छाप छोड़ चुके रामायण का जिक्र होते ही महर्षि वाल्मीकि का नाम सामने आता है। महर्षि वाल्मिकी ने ही इस महाकाव्य की रचना की थी।

Vishnu Vrat Katha & Aarti Lyrics: हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार गुरूवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार गुरूवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों की मन की कामनाएं पूरी होती है। ऐसे में आइए हम आपको गुरूवार को होने वाली व्रत कथा और आरती के बारे में बताते है। जिससे आपकी अच्छे से पूजा प्रक्रिया पूर्ण हो सके।

Vishnu Vrat Katha


प्राचीन काल की बात है कि एक राजा भारतवर्ष में राज्य करता था। वह शक्तिशाली और दानी भाव का था। वह प्रतिदिन मंदिर में भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए जाता था। लेकिन उसकी रानी न ही पूजा करती और न ही दान करने की इच्छा रखती। एक दिन राजा शिकार खेलने वन को गए हुए थे तो रानी और दासी महल में अकेली थी। उसी समय बृहस्पतिदेव साधु भेष में राजा के महल में भिक्षा के लिए गए तो रानी ने भिक्षा देने से मना कर दिया। बल्कि साधु महाराज से यह कहा कि हे साधु महाराज मैं तो दान पुण्य से तंग आ गई हूं. अब आप ऐसा कृपा करें कि सारा धन नष्ट हो जाएं जिससे मैं आराम कर सकूं।

साधु ने कहा- देवी पूरा संसार धन और संतान की तो कामना करता हैं। साधु महाराज ने उन्हें समझाने का खूब प्रयास किया लेकिन रानी पर इन बातों का कोई प्रभाव न पड़ा। फिर रानी को साधु महाराज ने धन नष्ट करने के लिए कई उपाय बताएं। जिससे कुछ दिनों में ही धन घटने लगा। इससे राजा बहुत ही परेशान होने लगा। जब सारा वाक्या रानी ने राजा को बताया तो वह बहुत नाराज हुआ। जब रानी को अपनी गलती का एहसास हुआा तो रानी ने बृहस्पति देव से माफी मांगी और सबकुछ पहले जैसा करने के लिए रानी ने दान, पुण्य, पूजा और व्रत करना शुरू कर दिया।

Vishnu Aarti Lyrics


ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय जगदीश हरे।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी।
स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी। तुम बिन और न दूजा, आस करूँ मैं किसकी॥
ॐ जय जगदीश हरे। तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
स्वामी तुम अन्तर्यामी। पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे। तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता।
स्वामी तुम पालन-कर्ता। मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे। तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
स्वामी सबके प्राणपति। किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
स्वामी तुम ठाकुर मेरे। अपने हाथ उठा‌ओ, द्वार पड़ा तेरे॥

विषय-विकार मिटा‌ओ, पाप हरो देवा। स्वामी पाप हरो देवा।

श्रद्धा-भक्ति बढ़ा‌ओ, सन्तन की सेवा॥ ॐ जय जगदीश हरे।
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे। स्वामी जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

DNP न्यूज़ डेस्क
DNP न्यूज़ डेस्कhttps://www.dnpindiahindi.in
DNP न्यूज़ डेस्क उत्कृष्ट लेखकों एवं संपादकों का एक प्रशिक्षित समूह है. जो पिछले कई वर्षों से भारत और विदेश में होने वाली महत्वपूर्ण खबरों का विवरण और विश्लेषण करता है.उच्च और विश्वसनीय न्यूज नेटवर्क में डीएनपी हिन्दी की गिनती होती है. मीडिया समूह प्रतिदिन 24 घंटे की ताजातरीन खबरों को सत्यता के साथ लिखकर जनता तक पहुंचाने का कार्य निरंतर करता है

Latest stories