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Kharmas में शुभ कार्य करना क्यों माना जाता है अशुभ, जानें कब खत्म होगा

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Kharmas 2023: हिंदू धर्म शास्त्र में हर चीज को प्रधानता दी गई है। सभी चीजों का अपना एक अलग महत्व है। वहीं खरमास के दौरान शुभ कार्य को करना वर्जित है। वहीं हिंदी पंचांग के अनुसार इस बार खरमास 15 मार्च से शुरु हो गया है। इसका समापन 14 मार्च को होगा। इस बीच किसी भी शुभ कार्य का मुहूर्त नहीं है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब सूर्य देव मीन और धनु राशि के प्रवेश करते हैं तब से खरमास का महीना शुरू हो जाता है।

इसके अलावा खरमास के दौरान सूर्य देव की खूब पूजा अर्चना की जाती है। इस माह सूर्य भगवान की गति में भी बदलाव देखने को मिलते हैं। मगर आपको बता दें, पूजा के अलावा इस मास में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ये समय किसी भी मंगल कार्य के लिए शुभ नहीं है। इसलिए आज इस आर्टिकल में जानते हैं, आखिर क्यों खरमास के दौरान किसी भी शुभ कार्य को नहीं किया जाता है।

आखिर क्यों खरमास में शुभ कार्य है वर्जित

मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्यदेव करीब एक महीने के लिए अपने गुरु बृहस्पति के घर जाते हैं और उनकी सेवा में तल्लीन रहते हैं तो ये महीना खरमास का होता है। वहीं इस दौरान सूर्य देव की गति भी काफी धीमी हो जाती है। वहीं इस माह की शुरुआत तब होती है जब सूर्य देव मीन और धनु राशि में प्रवेश करते हैं। वहीं शुभ कार्य नहीं होने का कारण है कि पंचदेव किसी भी शुभ कार्य में सम्मिलित नहीं हो पाते हैं। इसके कारण हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य नहीं हो पाता है।

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शुभ कार्य में पंचदेव नहीं हो पाते सम्मिलित

हिंदू धर्म में सभी चीजों की विशेष प्रधानता है। वहीं किसी भी शुभ कार्य से पहले पंचदेव को आमंत्रित किया जाता है। बता दें, पंचदेव भगवान शंकर, गौरी पुत्र विनायक, श्री हरी विष्णु, मां देवी दुर्गा और सूर्यदेव हैं। वहीं जब सूर्यदेव गुरु बृहस्पति देव के घर उनकी सेवा के लिए जाते हैं तो वो किसी शुभ कार्य में सम्मिलित नहीं हो सकते हैं। वहीं भगवान के उपस्थित न रहने के कारण किसी भी मंगल कार्य का पूर्ण होना असंभव है। इसलिए खरमास के दौरान शुभ कार्य वर्जित है।

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