Phulera Dooj: हिन्दू धर्म त्यौहारों का विशेष महत्व है। हर दिन हिंदू धर्म के पंचांग के अनुसार कोई न कोई त्यौहार जरूर होता है। ऐसे में फाल्गुन माह के शुरु होते ही हिंदू लोगों के त्यौहारों की भी शुरुआत हो जाती है। फाल्गुन माह में सबसे पहले भगवान शिव की पूजा की जाती है और महाशिवरात्रि से इसकी शुरुआत होती है। वहीं महाशिवरात्रि के कुछ दिन बाद ही फुलेरा दूज का त्यौहार आता है। इस त्यौहार का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह त्यौहार हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन बहुत खास होता है क्योंकि इस दिन बिना किसी मुहूर्त के शादी, या अन्य कोई भी धार्मिक काम किया जा सकता है। ऐसे में आइए आज जानते हैं कि इस बार फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त कब है और इस त्यौहार का काया महत्त्व है।
यह है फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में सभी काम पंचांग के अनुसार ही होते हैं। ऐसे में किसी भी त्यौहार की जानकारी भी हमें यही पंचांग देते है। बता दें कि पंचांग के अनुसार इस साल फुलेरा दूज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानि 21 फरवरी, दिन मंगलवार को सुबह 7 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगा। वहीं इस त्यौहार का समापन 22 फरवरी दिन बुधवार को सुबह 4 बजाकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में इस बार पंचांग के अनुसार फुलेरा दूज 21 फरवरी को ही मनाया जाएगा।
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फुलेरा दूज का महत्व
सभी त्यौहारों की तरह ही फुलेरा दूज का भी अपना एक खास महत्व है। इस दिन पूरे विधि – विधान से भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है। शास्त्रों की मानें तो इस दिन राधा रानी और श्री कृष्ण को फूलों से सजाने का विधान है। फुलेरा दूज को कहीं – कहीं पर फूलों से खेली जाने वाली होली भी कहा जाता है। फुलोरा दूज भारत में सबसे ज्यादा ब्रज में मनाया जाता है।
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