Friday, November 22, 2024
Homeधर्मChaitra Navratri 2023 में बन रहे इस शुभ संयोग में करें मां...

Chaitra Navratri 2023 में बन रहे इस शुभ संयोग में करें मां दुर्गा की पूजा, सभी पर बनी रहेगी माता रानी की कृपा

Date:

Related stories

Yazidi: क्या इराक और सीरिया में भी रहते थे प्राचीन हिंदू? जानें यजीदियों की सच्चाई

Yazidi: यजीदी धर्म प्राचीन विश्व की प्राचीनतमा धार्मिक परंपराओं...

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। सभी त्योहारों को बेहद धूम-धाम और नियम-निष्ठा के साथ मनाया जाता है। वहीं चैत्र नवरात्रि का भी बहुत महत्व है। इसमें मां के नौ रूपों की पूजा सभी नियमों के साथ की जाती है। इसके अलावा नवरात्रि के नौ दिनों तक सभी घरों में आरती की गूंज रहती है। सभी लोग पूरे नियमों के साथ माता रानी की पूजा में तल्लीन रहते हैं।

बता दें, इस बार नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है। बता दें, कलश स्थापना के दिन कई सारे शुभ योग बन रहे हैं। इस योग में पूजा अर्चना करने से भक्तों के जीवन में आ रही तमाम परेशानियों का अंत हो जाता है। तो आइए जानते हैं, कलशस्थापना के दिन कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं और किस विधि-विधान से मां की पूजा अर्चना करें।

इस शुभ योग में करें मां दुर्गा की पूजा-अर्चना

चैत्र नवरात्रि का दिन बेहद शुभ होता है। इस दौरान सभी लोग मां दुर्गा की भक्ति में लीन रहते हैं। वहीं चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ही प्रतिप्रदा तिथि पर ब्रह्म योग की शुरुआत 22 मार्च के सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर हो रहा है। वहीं तिथि का समापन 23 मार्च को होगा। इसके अलावा नवरात्रि से पहले 21 मार्च के दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से शुक्ल योग की शुरुआत हो रही है। ये योग बेहद शुभ है। इस योग में पूजा अर्चना करने से मां सभी भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। वहीं भक्तों के जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आती है।

ये भी पढ़ें: CHAITRA MONTH का ये राज नहीं जानते होंगे आप, इन कारणों से हिंदुओं के लिए होता है खास

इस विधि-विधान से करें कलश की स्थापना

स्टेप 1: कलश स्थापन से पहले स्नान करें और साफ सुथरा वस्त्र धारण करें।

स्टेप 2: अब साफ सुथरे स्थान पर लाल वस्त्र बिछाएं और वहां माता रानी की प्रतिमा को स्थापित करें।

स्टेप 3; अब साफ स्थान पर या किसी बर्तन पर अच्छे से मिट्टी डालें और उसमें जौ के बीज डालें।

स्टेप 4: अब मिट्टी के बीच में कलश स्थापित करें और उसमें गंगाजल भर दें।

स्टेप 5: अब कलश में सुपारी, इत्र, फूल, पंच रत्न और सिक्का डालें और कलश को लाल कपड़े से बांध दें।

स्टेप 6: अब कलश की पूजा करें और उसपर टीका लगाएं और फूल चढ़ाएं।

स्टेप 7: अब प्रसाद चढ़ाकर माता रानी की आरती करें और पूजा का समापन करें।

Sriya Sri
Sriya Srihttps://www.dnpindiahindi.in/
मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

Latest stories