Jawaharlal Nehru University: देश की प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक Jawaharlal Nehru University तीन नए केंद्रों की स्थापना करेगी जिसमे हिंदू, बौद्ध और जैन की पढ़ाई कराई जाएगी। गौरतलब है कि सिक्षा का दृष्टि से इसे एक अच्छा कदम माना जा रहा है। 29 मई को एक बैठक के दौरान जेएनयू की कार्यकारी परिषद द्वारा यह फैसला लिया गया है आपको बताते चले कि जेएनयू ने इसके लिए नोटिस भी जारी कर दिया है। NEP 2020 के तहत शिक्षा में टीचिंग-लर्निंग और रिसर्च में इनोवेशन लाने के लिए ये तीनों केंद्र बनाए जा रहे हैं।
जेएनयू ने नोटिस के माध्यम से दी जानकारी
जारी नोटिस के अनुसार कार्यकारी परिषद ने 29.05.2024 को आयोजित अपनी बैठक में एनईपी-2020 और भारतीय ज्ञान प्रणाली का पता लगाने और विश्वविद्यालय में इसके
आगे कार्यान्वयन और संस्कृत और स्कूल के भीतर निम्नलिखित केंद्रों की स्थापना के लिए गठित समिति की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।
भारत के दृष्टिकोण और मिशन को लागू करेंगे
जेएनयू ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से जानकारी देते हुए लिखा कि “जेएनयू वीसी ने 3 केंद्र स्थापित किए हैं जो भारतीय ज्ञान प्रणालियों को एकीकृत करने में विकासशील भारत के दृष्टिकोण और मिशन को लागू करेंगे।
यह हमें परंपरा को आधुनिकता के साथ, निरंतरता को परिवर्तन के साथ, दायरे को क्षेत्र के साथ और मिथक को वास्तविकता के साथ एकीकृत करने की राह पर ले जाएगा”।
दिल्ली यूनिर्विसटी ने पिछली साल किया था लागू
आपको बता दें कि यह दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पिछली साल हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना की थी। माना जा रहा है कि इसी के तर्ज पर जेएनयू भी शुरू करने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक तीनों स्टडी केंद्र से छात्र डिग्री और पीएचडी कर सकेंगे। मिली जानकारी के अनुसार शुरूआत में तीनों केंद्रों पर 20-20 सीटें होगी और इसका एडमिशन CUET के माध्यम से होगा हालांकि बाद में सीटों में बढ़ोतरी की जाएगा। माना जा रहा है कि यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित भारत के तहत यह फैसला लिया गया है।