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अब 100% प्लेसमेंट और 100% जॉब गारंटी के नाम पर स्टूडेंट्स की आंखों में धुल नहीं झोक पाएंगे Coaching Institutes, गवर्मेंट ने कसा शिकंजा

Coaching Institutes: कोचिंग के नाम पर बड़े-बड़े विज्ञापन और दावे करने वाले इंस्टिट्यूट पर सरकार ने सख्ती बरतते हुए न्यू गाइडलाइंस जारी की है जिसमें भ्रामक प्रचार फैलाने वाले इंस्टिट्यूट को भारी नुकसान पहुंच सकता है।

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coaching institutes (प्रतीकात्मक)

Coaching Institutes: आजकल कोचिंग के नाम पर व्यवसाय चलाया जा रहा है और कोचिंग अपनी पापुलैरिटी बढ़ाने के लिए छात्रों के नाम का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हैं। यह सच है कि अपने नाम को चमकाने के लिए उन छात्रों का नाम का इस्तेमाल किया जाता है जो किसी सरकारी परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं। इतना ही नहीं 100% प्लेसमेंट और जॉब की गारंटी देने वाले ये कोचिंग सेंटर विद्यार्थियों के दिमाग में अलग ही सपने दिखाने लगते हैं। इन सब भ्रामक चीजों से रोकधाम के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) द्वारा एक दिशा निर्देश जारी किया गया है जिसमें इन कोचिंग पर शिकंजा कसने की तैयारी की गई है। आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरी खबर।

CCPA ने बताए Coaching Institutes के मकसद

रिपोर्ट के मुताबिक सीसीपीए ने यह कदम कई शिकायतों के बाद उठाए हैं जहां विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दिशा निर्देश में साफ तौर पर यह बताने की कोशिश की गई है कि कोचिंग का मकसद सिर्फ एकेडमिक सपोर्ट के साथ-साथ एजुकेशन गाइडेंस और स्टडी प्रोग्राम्स है। इसमें काउंसलिंग, स्पोर्ट्स या फिर किसी भी क्रिएटिव एक्टिविटी को शामिल नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे कोचिंग में एडमिशन लेने वाले छात्रों को दुविधा हो सकती है।

Coaching Institutes को दिए दिशानिर्देश के क्या हैं मायने

निर्देश में कहा गया है कि कोचिंग को नुकसान पहुंचाना या बंद करवाना इन नियमों का मकसद नहीं है। इसके जरिए सिर्फ गुणवत्ता से उपभोक्ता अधिकारों को नुकसान न पहुंचे इस बात का ख्याल रखा जा रहा है। शिकायतकर्ता के शिकायत को मद्देनजर रखते हुए ये कदम उठाए गए हैं ताकि आने वाले समय में किसी भी तरह की परेशान ना हो।

Coaching Institutes को किन-किन चीजों की है मनाही

इन दिशा निर्देशों के मुताबिक कोचिंग इंस्टिट्यूट को अब किसी भी स्पेशल कोर्स, अध्यापकों से संबंधित दावे, फीस रिफंड के साथ-साथ फीस में मिलने वाले डिस्काउंट, प्लेसमेंट और पैकेज को लेकर किसी भी तरह के भ्रामक विज्ञापन देने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही अगर किसी छात्र का नाम वो अपने विज्ञापन में सफल कैंडिडेट्स के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं तो ऐसे में उस छात्र से अनुमति के साथ-साथ एक लिखित ज्ञापन होना जरूरी है।

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