World Day Against Child Labor: आज भी ना जानें भारत में कितनी जगहों पर कम उम्र के बच्चों से होटल , कारखानों में काम करवाया जाता है। छोटे बच्चों से काम या मजदूरी कराना कानूनी अपराध है। पूरे दुनिया को इसके बारे में जागरूक करने के लिए 12 जून यानि आज के दिन विश्व बाल श्रम के खिलाफ दिवस (World Day Against child Labor) के रुप में मनाया जाता है। बाल श्रम एक सामाजिक मुद्दा है जिसके बारे में लोगों को पता होना काफी जागरूक है और जो लेग इस काननू का विरोध करते हैं उनके खिलाफ सख्त कारवाई भी की जाती है। इसे विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के तौर पर भी मनाया जाता हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए आपको इस दिन को मनाने के पीछे का इतिहास (world day against child labor) और इसके महत्व (Why world day against child labor celebrated) के बारे में जाननें को मिलेगा।
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क्या था इस दिन का इतिहास
इस मुद्दे को लेकर सबसे पहली बार बात सन 1973 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने अपने एक सम्मेलन के दौरान काम कर रहे बच्चों की एक न्यूनतर आयु पर विचार विमर्श करने का सोचा था। उसके बाद सीधा सन 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने पूरी दुनिया में छोटे बच्चों के काम करने की उम्र को लेकर एक कानून बनाया था। जिसमें 14 साल की कम उम्र के बच्चों से काम कराना कानूनी अपराध है। इस मामले में पकड़े जाने पर काफी सख्त कारवाई भी की जाएगी। अभी हाल में यह कानून पूरी दुनिया में से केवल 187 देश इस संगठन में मौजूद है। लेकिन यह मुद्दा काफी गंभीर होने की वजह से आने वाले समय में इसमें तेजी देखने को मिल सकती हैं।
विश्व बाल श्रम के खिलाफ दिवस मनाने की खासियत
विश्व बाल श्रम के खिलाफ दिवस मनाने का मुख्य कारण यह है कि लोगों को इस समस्या के बार में जानकारी नहीं है जिसके चलते वह इन सब चीजों से दूर रहते है और इस गैरकानूनी काम के जाल में फसते चले जाते हैं। कई बार बच्चों की गरीबी का फायदा उठाकर लोग इनसे काम कराते हैं। जिस उम्र में बच्चों के हाथ में खिलौने और बुक्स होनी चाहिए , उस उम्र में उनके बाथ में भारी-भारी डिब्बों को उठाने का भार होता है। उनके साथ किसी प्रकार का शोषण ना हो इसलिए इस कानून को दुनिया के काफी सारे देश में लागू किया गया है।
इस साल विश्व बाल श्रम के खिलाफ दिवस की क्या अलग थीम है
हर साल अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ इस दिन को खास बनाने के लिए अलग-अलग थीम प्लान करता है। इस साल यानि 2023 में विश्व बाल श्रम के खिलाफ दिवस की थीम बाल श्रम के खिलाफ कारवाई का हफ्ता है। इस प्लान के चलते लोगों को बाल श्रम के बारे में जागरूक और शिक्षित करना है। इसके साथ ही इसको लेकर हो रहे जुर्म के खिलाफ अपनी आवाज उठाना भी इस प्लान का ही एक पार्ट है।
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