Banaras Hindu University: महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और ‘भारत रत्न’ महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की आज पुण्यतिथि है। मदन मोहन मालवीय (Madan Mohan Malviya) की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके द्वारा स्थापित की गई बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) की चर्चा जोरों पर हो रही है।
सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर यूजर्स बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University) के इंजीनियरिंग व मेडिकल विभाग की रैंकिंग को लेकर चर्चा कर रहे हैं। ऐसे में सभी चर्चाओं से इतर हम आपको ये बताने की कोशिश करेंगे कि कैसे BHU देश-दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है?
इंजीनियरिंग से लेकर टॉप मेडिकल कॉलेज तक की रैंकिंग में शुमार Banaras Hindu University?
विश्विविद्यालयों की गणना के लिए की जाने वाली नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2024 में बीएचयू ने अपना परचम लहराया। एनआईआरएफ 2024 की रैंकिंग के मुताबित बीएचयू को विश्वविद्यालय श्रेणी में 5वां स्थान मिला है। विश्वविद्यालय श्रेणी से इतर आईआईटी बीएचयू (Banaras Hindu University) एनआईआरएफ 2024 में टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज में शुमार है। एनआईआरएफ 2024 में आईआईटी बीएचयू को देश का 10वां सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज बताया गया है जहां देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले छात्रों को शिक्षा दी जाती है।
चिकित्सा के क्षेत्र में भी बीएचयू का दबदबा बरकरार है। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2024 द्वारा जारी रैंकिंग की मानें तो बीएचयू को देश के टॉप मेडिकल कॉलेज में 7वां स्थान मिला है। बता दें कि बीएचयू में मेडिकल की पढ़ाई के विकल्प भी उपलब्ध हैं। यहां देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से मरीज चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ लेने तो वहीं छात्र अपनी पढ़ाई करने आते हैं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) अपनी कार्यशैली और एनआईआरएफ रैंकिंग में बेहतर स्थान की बदौलत ही आज देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में परचम लहरा रहा है।
पंडित मदन मोहन मालवीय ने रखी थी BHU की नींव
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की नींव पंडित मदन मोहन मालवीय (Pandit Madan Mohan Malviya) और उनके सहयोगियों द्वारा रखी गई थी। इसमें डॉ एनी बेसेंट और डॉ. एस राधाकृष्णन जैसे महान लोगों का नाम सामने आता है।
बीएचयू के निर्माण के लिए मदन मोहन मालवीय द्वारा तय शर्त का पालन करने पर काशी नरेश ने 11 गांव, 70000 पेड़, 100 पक्के कुएं और 860 कच्चे घर समेत अन्य कई वस्तुओं को दान में दिया था। इस कुल जमीन का हिस्सा लगभग 1360 एकड़ में पसरा था। इसके बाद पंडित मालवीय और उनके सहयोगियों द्वारा 4 फरवरी 1916 को बसंत पंचमी के दिन बीएचयू की नींव रखी गई जो नित नए कीर्तिमान गढ़ रहा है।