GLA University: वर्तमान समय में फार्मेसी के छात्रों को इण्डस्ट्री का एक्सपोजर जरूरी है, जिससे छात्र अपने आपको इंडस्ट्री में कार्य करने के योग्य बना सकें। इसके लिए हेल्थकेयर जैसी बेहतर जगह मिलना जरूरी है। इसी के मद्देनजर जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा और आइडियालाइफ हेल्थकेयर, कानपुर के बीच एमओयू साइन हुआ है। इसके माध्यम से फार्मेसी के छात्रों को टेवलेट, कैप्सूल, आईड्राॅप्स, सीरप आदि बनाने की विधि और उनकी गुणवत्ता परीक्षण के तरीके सीखने का अवसर मिलेगा।
विदित रहे कि जीएलए के फार्मेसी विभाग में छात्रों के लिए आधुनिक प्रयोगशालाओं हैं। जिनमें उत्कृश्ट शिक्षक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसंधान के साथ-साथ विभिन्न दवाओं के प्रयोग और उनसे होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में भी जानकारी देते हैं। साथ ही साथ प्रयोगशालाओं में दवाओं का परीक्षण करने का अवसर भी मिलता है। छात्रों को फार्मा इंडस्ट्रीज में भ्रमण और ट्रेनिंग के दौरान वहां उपयोग में लायी जा रही तकनीकों का ज्ञान मिल सके, इसी उद्देश्य से आइडियालाइफ हेल्थकेयर कंपनी के साथ एमओयू साइन की आवश्यकता नजर आई।
दिग्गज कंपनियों के साथ एमओयू साइन करना सुनिश्चित करता है
इंटरनेशनल रिलेशन एंड एकेडमिक कोलैबोरेशन विभाग के डीन प्रो. दिलीप कुमार शर्मा कहते हैं कि जीएलए विश्वविद्यालय भारत में श्रेष्ठ शिक्षा, अनुसंधान और बेहतर रोजगार दिलाने के नाम से जाना जाता है। इसीलिए विश्वविद्यालय उन दिग्गज कंपनियों के साथ एमओयू साइन करना सुनिश्चित करता है जहां से प्रत्येक छात्र को कुछ नया सीखने और जानने के लिए मिले। आइडियालाइफ वर्शों से हेल्थकेयर के क्षेत्र में नामी कंपनी के रूप में जानी जाती है। उन्होंने बताया कि यह एमओयू जीएलए कुलसचिव अशोक कुमार सिंह एवं आइडिया हेल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर डाॅ. सौरभ भार्गवा के हस्ताक्षर के बाद प्रभावी हुआ है।
फार्मेसी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. योगेष मूर्ति ने बताया कि यह कंपनी पिछले 75 वर्षों से विभिन्न प्रकार की दवाओं का निर्माण कर रही है। इस एमओयू के अन्तर्गत छात्र प्रोडक्षन यूनिट का भ्रमण कर चुके है। भ्रमण के दौरान छात्रों ने यहां हो रहे प्रोडक्शन की प्रक्रिया को देखा और समझा। प्रोडक्शन मैनेजर से वार्तालाप कर दवा बनने की विधि और लैबों में स्थापित उपकरणों के बारे में जानकारी हासिल की। आने वाले समय में कुछ बीफार्मा के छात्र इस कंपनी में समर ट्रेनिंग पर जाएंगे। विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी वाजपेयी बताया कि इस तरह के एमओयू ‘कंपनियों में षिक्षण-प्रषिक्षण का माध्यम बनेंगे और फार्मा इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से अपने आपको तैयार कर पायेंगे। फार्मेसी विभाग के निदेशक प्रो. एम अरोकिया बाबू ने आने वाले समय में और भी नई फार्मा कंपनी के साथ एमओयू करने पर जोर दिया, ताकि एमफार्मा के छात्रों को अनुसंधान के अवसर मिल सकें।
जीएलए में औषधि के पारंपरिक ज्ञान को विज्ञान से जोड़ने पर जोर –
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के फार्मेसी विभाग में हर्बल दवा का मानकीकरण पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस मौके पर एचएनबी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी गढ़वाल के फार्मेसी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नामदेव ने हर्बल दवा का मानकीकरण करना क्यों जरूरी है और पारंपरिक दवाओं के ज्ञान को किस तरह से आजकल की दवाओं से जोड़ा जाए के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे हम पौधों को खान-पान के साथ-साथ दवा की तरह प्रयोग कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि हर्बल प्रोड्क्टस कई काॅम्बीनेषन में आते है, जिनकी गुणवत्ता को जानना अतिआवष्यक है। हर्बल ड्रग्स का षरीर पर क्या असर होगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उसका सेवन किसके साथ किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर उन्होंने त्रिफला चूर्ण के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर विभागाध्यक्ष डाॅ. मीनाक्षी वाजपेयी ने प्रो. नामदेव का आभार व्यक्त कर उनसे भविष्य में रिसर्च कोलाॅबोरेषन करने का अनुरोध किया। फार्मेसी विभाग के निदेशक प्रो. एम अरोकिया बाबू ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। डा. कमल ने कार्यक्रम का संचालन किया। व्याख्यान के दौरान सभी रिसर्च स्काॅलर व शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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