Meerut News: उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है, यहां छात्रों के रोजगार के लिए 148 विश्वविद्यालयों के प्रधानाध्यापक और रजिस्ट्रार राम मनोहर लोहिया विवि में आज बैठक की। बैठक युवाओं की शिक्षा को और अधिक प्रभावी और स्किल बेस्ड (जॉब ओरिएंटेड) बनाने को लेकर थी। अक्सर देखा गया, कि छात्र प्रदेश के बड़े कॉलेजों से पढ़कर भी रोजगार की तलाश में दूसरे बड़े शहरों या फिर बाकि के राज्यों में नौकरी के लिए जाते हैं। ऐसे में अब खबर आ रही है, कि इसका स्थायी रूप से निवारण करने के लिए कई विश्वविद्यालयों ने ‘सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंड्रस्टियल स्टाफ परफॉर्मेंस’ (क्रिस्प) के साथ हाथ मिलाया है। ऐसे में यह जानना बहुत जरुरी हो जाता है, कि आखिरकार यह क्रिप्स है क्या ?
क्रिप्स के साथ कई यूनिवर्सिटी ने मिलाया हाथ
बता दें कि ‘सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंड्रस्टियल स्टाफ परफॉर्मेंस’ (क्रिस्प) इंडो-जर्मन तकनीक पर आधारित है। इसमें छात्रों को रोजगार युक्त पाठ्यक्रम की पढ़ाई कराई जाती है। इसमें छात्र क्रिप्स इलेक्ट्रॉनिक, क्रिप्स मैकेनिकल, मल्टीमीडिया, लाएब्रेरी ऑटोमेशन की पढ़ाई पढ़ते भी हैं और सीखते भी है। वहीं कुछ छात्र अपना खर्च निकालने के लिए पार्ट टाइम जॉब भी कर लेते हैं। इस लिहाज से प्रदेश की राजधानी में आज बड़ी बैठक प्रधानाध्यापकों द्वारा की गई। इसमें मुख्य रूप से मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने अगुवाई की है।
शिक्षा के क्षेत्र में आएगी क्रांति
देखा जाए तो अभी कुछ दिन पहले ही लखनऊ आईआईएम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित एक प्रोग्राम लॉन्च किया था। जिसमें छात्रों को पढ़ने के साथ-साथ रोजगार सृजन करने की बात कही गयी थी। ऐसे में अब इस बार प्रदेश स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आने वाली है। छात्रों इन नए प्रोग्रामों में एडमिशन लेकर स्किल को न सिर्फ डेवेलोप करेंगे, बल्कि बहुत जल्द पैसे भी कमाने लगेंगे।
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