National Doctors Day 2023: दुनियाभर में डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया जाता है। डॉक्टर्स लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। उनके इसी प्रयास और मेहनत को देखते हुए पिछले 32 साल से 1 जुलाई को हर साल डॉक्टर्स दिवस या डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है। आज इस आर्टिकल में आपको डॉक्टर्स दिवस को मनाने के पीछे का इतिहास , इसका महत्व और इसकी थीम के बारे में जाननें को मिलेगा।
डॉक्टर्स दिवस को मनाने का इतिहास
इस डॉक्टर्स दिवस की शुरूआत आज से 32 साल पहले 1991 में शुरूआत की गई थी। इसी दिन को चुननें का खास मकसद था। इस दिन यानि 1 जुलाई 1882 को डॉ. विधान चंद्र रॉय का बिहार में जन्म हुआ था। इन्होंने चिकित्सक के क्षेत्र में अपना काफी योगदान दिया था। जिसके चलते उनके लिए इस दिन को चुना गया और डॉक्टर्स दिवस के रुप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। वह बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भी रहे चुके हैं। उनके मेहनत और चिकित्सक शिक्षावादी होने के चलते उन्हें सन् 1976 में भारत रत्न पुरस्कार से भी नवाजा गया था।
क्या है डाक्टर्स-डे की खासियत
इस दिन को मनाने का खास महत्व यह है कि ताकि हम सभी लोग डॉक्टर्सों के द्वारा की गई कुर्बानी को समझ सकें। किसी भी इंसान का जन्म से लेकर आखिरी सांस तक डॉक्टर्स के साथ एक अलग- सा रिश्ता होता है। कोविड के समय किस तरह डॉक्टर्स ने आगे रहकर , अपने परिवारों से काफी दिनों तक दूर रहने के बाद केवल हम लोगों को हर तरह की सुरक्षाएं दे रहे थे। ऐसे में उन्हें सम्मान और शुक्रिया अदा करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। इस डॉक्टर्स -डे पर देश के पीएम मोदी जी ने ट्वीट करके डॉक्टर्स को डॉक्टर्स दिवस की बधाई दी है।
इस साल 2023 की क्या है थीम
दुनिया में हर साल डाक्टर्स दिवस के अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल इस दिन को मनाने के लिए फैमिली डॉक्टर्स ऑन द फ्रंट लाइन की थीम तय की गई है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।