NEET Result 2024: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट 2024 (NEET) परीक्षा के परिणाम 4 जून को जारी किए गए थे जिसके बाद से घमासान का दौर लगातार जारी है। NEET परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने पूर्ण रूप से परिणाम प्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए पेपर लीक व अनियमितता समेत अन्य कई आरोप लगाए हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
NEET 2024 परीक्षा के बाद ही बिहार की राजधानी पटना भी सुर्खियों में है जहां से पेपर लीक के मामले में कई आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है। हालाकि NEET 2024 को लेकर जारी घमासान के बीच ही आज इस मामले में अलग मोड़ देखने को मिला और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने पेपर लीक से जुड़े आरोपों को लेकर RJD नेता तेजस्वी यादव को कठघरे में खड़ा कर दिया। ऐसे में आइए हम आपको बीजेपी नेता द्वारा तेजस्वी यादव व उनके सहयोगियों पर लगाए गए आरोपों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
NEET 2024 को लेकर चढ़ा बिहार का सियासी पारा
NEET 2024 परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद NTA पर पेपर लीक व कथित अनियमितता से जुड़े तमाम आरोप लगाए गए थे। इसमें घमासान का केन्द्र बिहार की राजधानी पटना रही जहां पेपर लीक के मामले में कई आरोपियों को हिरासत में भी लिया गया। इस पूरे प्रकरण को लेकर बिहार की सत्तारुढ़ दल भाजपा अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव व उनके सहयोगियों पर गंभीर आरोर लगा रही है और स्पष्टीकरण जारी करने की बात कह रही है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने इस NEET 2024 प्रकरण को लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि “1 मई को तेजस्वी यादव के निजी सचिव प्रीतम कुमार ने सिकंदर कुमार यादवेंदु के लिए कमरा बुक करने के लिए गेस्टहाउस कर्मचारी प्रदीप कुमार को फोन किया। 4 मई को, प्रीतम कुमार ने प्रदीप कुमार को फिर कर कमरा बुक करने के लिए कहा और तेजस्वी यादव का नाम लिया।”
विजय सिन्हा की ओर से ये भी कहा गया है कि ”तेजस्वी यादव को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्रीतम कुमार अभी भी उनके पीएस हैं या नहीं और उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जूनियर इंजीनियर सिकंदर कुमार यादवेंदु कौन हैं जो नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।”
क्यों उठ रहे सवाल?
NEET 2024 परीक्षा में कथित रूप से पेपर लीक को लेकर पटना पुलिस ने अमित आनंद नामक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस की हिरासत में अमित आनंद ने कहा है कि उनकी मुलाकात सिकंदर कुमार से हुई थी जिन्होंने NEET अभ्यर्थियों को मदद करने (पेपर उपलब्ध कराने) के एवज में लाखों रुपये देने की बात कही थी। दावा किया जाता है कि सिकंदर कुमार लालू परिवार के करीबी रहे हैं और इसीलिए इस पूरे प्रकरण में RJD नेता तेजस्वी यादव व उनके सहयोगियों को कठघरे में खड़ा कर आरोप लगाए जा रहे हैं।