Monday, December 23, 2024
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NEET-UG Exam 2024: क्या लीक हुआ था नीट का पेपर? जानें SC ने सुनवाई के दौरान NTA और केन्द्र को क्यों लगाई फटकार?

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NEET-UG Exam 2024: गर्मी की छुट्टियों के बाद उच्चतम न्यायालय (SC) लोगों के लिए खुल चुका है और कोर्ट में आज इसी क्रम में NEET परीक्षा 2024 को लेकर आज फिर सुनवाई हुई है। NEET-UG Exam 2024 में कथित पेपर लीक व अनियमितता से जुड़े आरोपों को लेकर दर्ज की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूर्ण ने अहम टिप्पणी की है।

सुप्रीम कोर्ट (SC) की ओर से कहा गया है कि “एक बात स्पष्ट है कि (प्रश्न पत्र का) लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक एक स्वीकृत तथ्य है।” सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से पूछा है कि गलत काम के लाभार्थी छात्रों की पहचान करने के लिए अब तक क्या कार्रवाई की गई है।

NEET-UG Exam 2024 को लेकर SC की तल्ख टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट में आज NEET परीक्षा 2024 में कथित रूप से पेपर लीक व अनियमितता से जुड़े मामलों में दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूर्ण ने तल्ख टिप्पणी से सबका ध्यान भी आकर्षित किया।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि “एक बात स्पष्ट है कि (प्रश्नपत्र का) लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? यह एक स्वीकृत तथ्य है पेपर लीक हुआ है और लीक की प्रकृति कैसी है इसे हम निर्धारित कर रहे हैं। आप केवल इसलिए पूरी परीक्षा रद्द नहीं कर सकते क्योंकि 2 छात्र कदाचार में लिप्त थे। इसलिए, हमें पेपर लीक की प्रकृति के प्रति सावधान रहना चाहिए। दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले हमें लीक की सीमा के प्रति सचेत रहना चाहिए क्योंकि हम 23 लाख छात्रों से निपट रहे हैं।

NTA और केन्द्र से पूछे गए सवाल

सुप्रीम कोर्ट (SC) ने NEET 2024 परीक्षा मामले को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और केन्द्र सरकार को फटकार लगाते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। SC की ओर से तल्ख लहजे में पूछा गया है कि पेपर लीक के कारण कितने छात्रों के नतीजे रोके गए हैं? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा, क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं? CJI ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि अगर परीक्षा रद्द नहीं होती है तो धांधली से पास हुए अभ्यर्थियों को कैसे चिन्हित करेंगे?

सुप्रीम कोर्ट का यह भी मानना ​​है कि देश भर के विशेषज्ञों की एक तरह की बहु-विषयक समिति होनी चाहिए। हम अध्ययन की सबसे प्रतिष्ठित शाखा के साथ काम कर रहे हैं और प्रत्येक मध्यम वर्ग का व्यक्ति चाहता है कि उनके बच्चे चिकित्सा या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें। यह मानते हुए कि हम परीक्षा रद्द नहीं करने जा रहे हैं, हम लाभार्थियों की पहचान कैसे करें और क्या हम काउंसलिंग की अनुमति दे सकते हैं?

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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