Republic Day 2023: आज के दिन पूरे देश में धूम-धाम से गणतंत्र दिवस का पर्व मनाया जा रहा है। सभी लोग देश भक्ति के रंग में रंगे हुए हैं। वहीं आज देश एवं राज्यों में सलामी के साथ परेड हुई है। इसमें देश की राष्ट्रपति कर्तव्य पथ पर तीनों सेनाओं से यानी थल, जल और वायु सेना से सलामी ले रही हैं। सलामी से पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित किया है। आप जानते हैं कि इस खास मौके पर हर वर्ष सलामी का आयोजन किया जाता है। मगर जल सेना, थल सेना और वायु सेना के सलामी में फर्क देखने को मिलता है। तो आज इस आर्टिकल में जानेंगे कि तीनों सेना के सलामी में क्या फर्क है।
थल सेना की सलामी
थल सेना देश के बॉर्डर पर तैनात रहकर देश की सेवा में समर्पित रहते हैं। वहीं ये लोग सैल्यूट पूरी हथेली दिखाकर करते हैं। इतना ही नहीं इनके हाथ का पूरा पंजा सामने की ओर खुला रहता है। इसके अलावा सभी उंगलियां भी खुली रहती है। थल सेना के सैल्यूट का प्रतीक विश्वास होता है। कहते हैं, इंडियन आर्मी बिना किसी गलत भावना के सलाम कर रहा है। वहीं इसके हाथ में किसी भी प्रकार का हथियार नहीं है।
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जल सेना की सलामी
जल सेना की सलामी थल सेना से काफी अलग होती है। इसमें इनकी हथेली दिखाई नहीं देती है। इतना ही नहीं इनका हाथ ही नीचे की ओर झुका रहता है। इसका एक अलग कारण है। कहते हैं, जहाज पर रहने के कारण सैनिकों के साथ तेल और गंदगी के खराब हो जाते हैं। गंदे हाथ से सलामी देने के कारण वरिष्ट लोगों का अनादर होता है। इसलिए जल सेना के सैनिक हाथ को झुकाकर सलामी देते हैं।
वायु सेना की सलामी
आपको पता दें, वायु सेना के सैनिक भी थल सेना के सैनिकों की तरह सलामी देते थे। मगर इनके सलाम का तरीका 2006 में बदल गया। 2006 के बाद वायु सेना के सैनिक हाथ और जमीन के बीच 45 डिग्री का कोण बनाकर सलाम करते हैं। इसका प्रतीक है कि सभी सैनिक आसमान की ओर अपने कदम को बढ़ाते हैं।
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