UGC: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) छात्रों को बड़ी राहत देने की की तैयारी में है। ताजा जानकारी के अनुसार यूजीसी की तरफ से जल्द ही एक नया सिलेबस लॉन्च करने की तैयारी है जिसके माध्यम से मास्टर्स डिग्री वाले छात्रों को राहत मिल सकेगी। खबरों की मानें तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इस नए प्लान के तहत छात्रों को पाठ्यक्रम में और राहत मिल सकेगा जिसके तहत 4 साल की डिग्री पूरी करने वाले छात्रों के लिए पीजी कोर्स 1 साल का होगा। वहीं वो छात्र जो 3 साल में ही अपना डिग्री पूरा कर ले रहे हैं उनके लिए मास्टर्स कोर्स 2 साल का ही होगा।
पढ़ाई का माध्यम
यूजीसी अब छात्रों की पढ़ाई को सरल और सुविधानुसार बनाने की राह पर अग्रसर है। यूजीसी के इस नए नीति के तहत छात्रों के पढ़ाई के माध्यम को बदलने की बात भी कही जा रही है। जानकारी के अनुसार छात्र इस नए नियम के बाद ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन व ओडीएल (दूरवर्ती शिक्षा) का भी लुफ्त उठा सकेंगे। इसके अलावा छात्रों को ओपन लर्निंग की सुविधा भी दिए जाने की खबर है जिससे की उनकी पढ़ाई की राह और आसान हो सके।
विषय चुनना आसान
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के नए गाइडलाइन के तहत छात्रों को विषय चुनने में भी आसानी हो सकेगी। ताजा जानकारी के अनुसार छात्र अपने ग्रेजुएशन कोर्स में लिए गए किसी भी विषय में पीजी कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं। वहीं मेजर या माइनर विषय में ग्रेजुएशन करने वाले छात्र अपने मास्टर्स कोर्स के दौरान मेजर या माइनर विषय को सरलता से चुन सकते हैं जिससे की उन्हें मास्टर्स कोर्स करने में और आसानी हो सकेगी।
शिक्षकों के लिए UGC का निर्देश
यूजीसी ने छात्रों के साथ ही विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों को पढ़ा रहे शिक्षकों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ताजा जानकारी के अनुसार शिक्षकों को हर दिन कम से कम 5 कक्षा लेने के निर्देश दिए गए हैं। यूजीसी की ओर से ये भी स्पष्ट किया गया है कि अगर कोई शिक्षक इस निर्देश का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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