NEET PG 2024: नीट यूजी परीक्षा लीक मामले की जांच अभी चल ही रही थी कि कल यानि 22 जून की रात को स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नोटिस जारी किया। जिसमे नीट पीजी परीक्षा पोस्टपोन होने की बात कही गई थी। गौरतलब है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने एनटीए के महनिदेशक सुबोध कुमार सिंह को पद से हटा दिया है। नीट-पीजी परीक्षा पोस्टपोन होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे है।
नीट पीजी परीक्षा कैंसिल होने पर लोगों का फूटा गुस्सा
एएनआई से बात करते हुए एनईईटी पीजी उम्मीदवार सुनंदा पंसारी ने कहा कि, “यह बेहद गलत है। मैंने परीक्षा में शामिल होने के लिए 600 किमी की यात्रा की है। परीक्षा मार्च के लिए निर्धारित की गई थी जिसके बाद इसे जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में उन्होंने परीक्षा स्थगित कर दी और अब उन्होंने परीक्षा फिर से स्थगित कर दी है। हमें कम से कम 24 घंटे पहले सूचित किया जाना चाहिए था, अभी तक पेपर लीक की कोई जानकारी नहीं है।
एक डॉक्टर ने एक्स पर लिखा कि “NEET परीक्षा को लेकर चल रही उथल-पुथल के साथ, मुझे खुशी है कि मैंने अपना UG PG पास कर लिया जब NEET अस्तित्व में नहीं था। और सब कुछ पूरी तरह से योग्यता के आधार पर किया गया था। अन्यथा वर्तमान उपहास निश्चित रूप से मेरे जैसे कई मध्यमवर्गीय सामान्य श्रेणी के डॉक्टरों के सपनों को मार देता”।
एक यूजर ने एनटीए पर सवाल उठाते लिखा कि “कल रात 10 बजे क्यों स्थगित हुई NEET परीक्षा? परीक्षा से पहले 12 घंटे से कम समय? एनटीए को तुरंत भंग कर देना चाहिए”।
अमिताभ बच्चन फ़िल्मी दुनिया के भगवान। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट की दुनिया के भगवान। लाखों बच्चों का भविष्य उजड़ गया NEET पेपर लीक। UGC NET परीक्षा रद्द। कई बच्चो ने आत्म हत्या तक करली इतना सब हुआ बच्चों के साथ कभी उनके लिए इनकी एक ट्वीट तक नहीं निकली, लोग इन्हें भगवान मानते हैं।
जब कोई छात्र एनईईटी पीजी जैसे प्रवेश के लिए तैयारी करता है, तो उसे जिस शेड्यूल का पालन करना पड़ता है वह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक होता है। एक डॉक्टर ने एक्स पर लिखा कि परीक्षा के आखिरी दिनों में, तनाव का स्तर अपने चरम पर होता है और छात्र किसी तरह खुद से बार-बार यह कहकर तैयारी जारी रखते हैं कि कुछ और दिन और मैं इस नरक से बाहर आ जाऊंगा।
और फिर 12 घंटे पहले परीक्षा स्थगित हो जाती है। बस ऐसे ही अयोग्य अधिकारी और राजनेता परीक्षाओं का संचालन ठीक से न करा पाने के कारण छात्रों को गंभीर शारीरिक और मानसिक क्षति पहुंचा रहे हैं। और सबसे बुरी बात यह है कि उन्हें इसकी ज़रा भी परवाह नहीं है। क्या हमने सुना है कि कोई अधिकारी बाहर आया और उसने नकली चिंता भी दिखाई।