Amaran: दिवाली (Diwali) के दिन शहीद मेजर मुकुंद वरदराजन (Major Mukund Varadarajan) की बायोपिक पर बनी फिल्म अमरन (Amaran) रिलीज कर दी गई है. ये एक साउथ फिल्म है, जिसमें मुख्य किरदार में एक्टर शिवकार्तिकेयन (Sivakarthikeyan) हैं. फिल्म की एक्ट्रेस साई पल्लवी (Sai Pallavi) हैं. ये पूरी फिल्म आर्मी मैन मेजर मुकुंद वरदराजन के जीवन पर आधारित है. इसमें उनके बलिदानों और बहादुरी की गाथा देखने को मिलेगी.
Diwali पर Amaran एक्टर Sivakarthikeyan ने Major Mukund Varadarajan को किया याद
फिल्म के रिलीज होने के बाद फिल्म के एक्टर शिवकार्तिकेयन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फिल्म से जुड़ा एक पोस्ट किया. इसके साथ ही अपने फैंस को दिवाली की खास शुभकामनाएं भी दी हैं. एक्टर ने पोस्ट में लिखा, “मेजर मुकुंद वरदराजन की यात्रा, उनकी निडर सेवा और हमारे देश के लिए उनके द्वारा किए गए बलिदान को चित्रित करना एक भावनात्मक अनुभव रहा है। आप सभी के सामने उनके उल्लेखनीय जीवन को प्रस्तुत करने पर गर्व है। सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!”
यूजर ने फिल्म को बताया मेगा ब्लॉकबस्टर
एक्टर ने जैसे ही सोशल मीडिया पर पोस्ट किया वैसे ही यूजर्स की तरफ से रिएक्शन आने लगे हैं. एक यूजर लिखता है कि, अन्ना.. यह ऐसी बायोपिक थी. आपने अभिनय नहीं किया, बल्कि मेजर मुकुंद वरदराजन के रूप में जिया…मेगा ब्लॉकबस्टर आने वाली है ना..
एक यूजर कमेंट करते हुए लिखता है कि, ब्लॉकबस्टर आने वाली है अन्ना..
यूजर ने Amaran फिल्म को किंग साइज़ बताया
एक यूजर कमेंट करते हुए इसे किंग साइज की बता रहा है. यूजर लिखता है, “अमरन आज से सिनेमाघरों में.. SK के लिए करियर को परिभाषित करने वाली फिल्म के लिए पूरी तरह से तैयार 💥💥💥 फिल्म पहले ही रिलीज़ हो चुकी है, विदेशों से बेहतरीन रिपोर्ट 🔥🔥 SK किंग साइज़ वापसी..”
कौन थे मेजर मुकुंद वरदराजन (Major Mukund Varadarajan)?
शहीद मेजर मुकुंद का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। मेजर मुकुंद अपने घर के अन्य परिजनों की तरह सेना में जाना चाहते थे .पढ़ाई पूरी करने के बाद वह ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में भर्ती हो गए. मेजर मुकुंद ने कड़ी मेहनत और लगन से भारतीय सेना में नौकरी पाई. शहीद मेजर मुकुंद लेफ्टिनेंट बनने के बाद कैप्टन बने. इसके बाद वह लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर भी गए और फिर मेजर बने. मेजर मुकुंद के अच्छे कार्यो को देखते हुए उन्हें उन्हें आतंकवाद निरोधी इकाई राष्ट्रीय राइफल्स की 44वीं बटालियन में भेजा गया. वह जम्मू कश्मीर में अपनी सेवा दे रहे थे लेकिन, शोपियां क्षेत्र में आतंकवादियों के हमले में वह 25 अप्रैल, 2014 को शहीद हो गए थे. इस समय उनकी आयु मात्र 31 साल थी. मरणोपरांत मेजर मुकुंद वरदराज को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। ये पूरी फिल्म शहीद की वीर गाथाओं पर आधारित है.
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