Pawan Singh: भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह Pawan Singh लोकसभा चुनाव बुरी तरह से हार चुके हैं। बिहार की काराकाट सीट से इंडिया गठबंधन और सीपीआई उम्मीदवार राजा राम सिंह भारी वोटों से जीते हैं। उनके जितने की उम्मीद बहुत ही कम लोगों को थी। पवन सिंह यहां पर दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा तीसरे नंबर पर रहे हैं।
पवन सिंह कितने वोटों से हारे?
इंडिया गठबंधन और भाकपा के राजाराम सिंह ने 3,78,058 वोटों से काराकाट जीत हासिल की है। भोजपुरी फिल्म एक्टर और निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह को 1,05,858 से हार मिली है।पवन सिंह को 2,74,723 वोट मिले है। तीसरे स्थान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनडीए की तरफ से उतारे गए राष्ट्रीय लोक मोर्चा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा रहे हैं, इन्हें 2,53,876 मिले हैं मिले है।
भोजपुरी सिनेमा के जरिए अपनी आवाज और एक्टिंग से देश और दुनिया में छाने वाले पवन सिंह काराकाट की सीट पर अपना जादू नहीं दिखा सके। एग्जिट पोल्स में जिस तरह से पवन सिंह को गेम चेंजर कहा जा रहा था वो नतीजों में दूर-दूर तक नहीं दिखा।पवन सिंह की हार के कई सारे कारण बताए जा रहे हैं। आज हम आपको वो ही कारण बताने जा रहे हैं जो कि, भोजपुरी पावर स्टार के लिए हार की वजह बने।
निर्दलीय चुनाव लड़ना
सुपर स्टार की हार का प्रमुख कारण निर्दलीय चुनाव लड़ना माना जा रहा है। क्योंकि वह पहली बार राजनीति के मैदान में उतरे और वो भी अकेले एक्टर का ये फैसला उन पर भारी पड़ गया। भाजपा ने पवन सिंह को पहले बंगाल की आसनसोल सीट से टिकट दिया था। लेकिन उन्होंने भाजपा के ऑफर को ठुकरा दिया और निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया।
काराकाट सीट पर बड़े चेहरे
पवन सिंह जब काराकाट के चुनावी रण में कूदे उनके सामने इंडिया गठबंधन और सीपीआई उम्मीदवार राजा राम सिंह और NDA के उपेंद्र कुशवाहा थे। ये दोनों ही मंझे हुए नेता हैं। जिनके सामने पवन सिंह नहीं टिक सके।
फैंस के भरोसे
पवन सिंह की हार का एक कारण उनका निर्दलीय चुनावी रण में उतरना है। क्योंकि उन्हें किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं था। इस स्थिति में वो अपने फैंस के बलबूते चुनाव लड़े। काराकाट की जनता ने उनकी रैलियों में भीड़ तो बढ़ाई लेकिन वोट नहीं दिया।
अन्य जातियों को नहीं कर सके इंप्रेस
पवन सिंह सहित उनके चाहने वालों को पूरी उम्मीद थी कि, वो जीत जाएंगे लेकिन भोजपुरी एक्टर और सिंगर फैंस और राजपूतों के अलावा किसी और अन्य जाति को इंप्रेस नहीं कर सके।
ओवर कॉन्फिडेंस
पवन सिंह की हार का एक प्रमुख कारण ओवर कॉन्फिडेंस बताया जा रहा है। उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला तो ठीक किया लेकिन भीड़ को देख जीत का बार-बार का दावा उन्हें भारी पड़ गया।
बाहरी होना
पवन सिंह बिहार के आरा के रहने वाले हैं। अगर वो काराकाट की सीट ना चुनकर आरा को चुनते तो शायद स्थिति बदल सकती थी।
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