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Khan Sir ने Pushpa 2 और Mirzapur सीरीज के स्क्रिप्ट राइटरों की लगाई क्लास! देखें पुलिस के निगेटिव इमेज को लेकर क्या बोले?

Khan Sir ने पुलिस अधिकारियों के निगेटिव रोल को लेकर Pushpa 2 The Rule मूवी और Mirzapur सीरीज के स्क्रिप्ट राइटरों की क्लास लगाई है। खान सर ने बताया है कि कैसे फिल्मों और वेब सीरीज में पुलिस विभाग के नकारात्मक रोल को दिखाकर उन्हें बदनाम किया जाता है।

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Khan Sir
सांकेतिक तस्वीर

Khan Sir: डिजिटल गुरु अपने एक क्लास सेशन को लेकर चर्चाओं मे हैं। करेंट अफेयर से लेकर रीजनिंग, इतिहास, भूगोल समेत अन्य कई विषयों को बेहद सरल तरीकों से समझाने वाले खान सर (Khan Sir) ने फिल्मों की स्क्रिप्ट पर चर्चा की है। एक क्लास सेशन के दौरान खान सर ने पुष्पा 2 दी रूल (Pushpa 2 The Rule) और मिर्जापुर (Mirzapur) सीरीज के स्क्रिप्ट पर चर्चा की है। खान सर ने पुष्पा 2 और मिर्जापुर में पुलिस अधिकारियों के निगेटिव रोल (भ्रष्ट, घूसखोरी) को लेकर स्क्रिप्ट राइटर्स की जमकर क्लास लगाई है। आइए आपको बताते हैं कि डिजिटल गुरु ने पुलिस विभाग को लेकर क्या कहा है।

Pushpa 2 The Rule और Mirzapur सीरीज के स्क्रिप्ट को लेकर क्या बोले Khan Sir?

खान सर ने एक लेक्चर के दौरान पुष्पा 2 मूवी और मिर्जापुर सीरीज (Mirzapur Series) में स्क्रिप्ट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। खान सर कहते हैं कि “पुष्पा टू में श्रीवल्ली पुलिस को चैलेंज कर रही है। पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारी को वैल्यू नहीं दिया जाता है। जबकि सच्चाई में एक दरोगा उन्हें (अल्लू अर्जुन) अरेस्ट कर लेके चला गया। मिर्जापुर सीरीज आई थी उसमें डीआईजी रैंक के अधिकारी को जमीन पर बैठे दिखाया जा रहा है। आजकल की मूवी और सीरीज में क्रिमिनल को समाज में अच्छा प्रस्तुत किया जा रहा है मोटिवेशन का स्रोत बताया जा रहा है। पुलिस को बदनाम करने में सबसे बड़ा योगदान इन फिल्म वालों का है। ये खुलेआम पुलिस को पैसा देते दिखाते हैं। वास्तविकता में आप ऐसा कर सकते हो क्या? पुलिस को फुल इज्जत चाहिए।”

लोकप्रिय शिक्षक खान सर (Khan Sir) आगे कहते हैं कि “मिर्जापुर में डीआईजी रैंक के अधिकारी को जमीन पर बैठा कर खिलाते दिखाया गया है। कोई खिला सकता है क्या ऐसे? एसपी लेवल तक के अधिकारी में बहुत पावर होता है, क्योंकि वो डिसीजन लेने में फ्री होते हैं। विनय कुमार अभी डीजीपी (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) हैं। डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ऐसे थोड़ी होंगे कि डायरेक्ट डीजीपी बन गए होंगे। इससे पहले कहीं एसपी रहे होंगे, एसपी के बाद एसएसपी रहे होंगे, डीआईजी होंगे, आईजी होंगे, सब एसपी, एसएसपी, डीआईजी, आईजी, एडीजी एडिशनल, डायरेक्टर जनरल और उसके बाद डीजीपी बने होंगे। पुलिस बढ़िया काम करती है। कभी-कभी बहुत बड़ा गिरोह का भंडाफोड़ कर नागरिकों का रक्षा करती है।

फिल्मों और वेब सीरीज में पुलिस के निगेटिव रोल पर क्या बोले खान सर?

फिल्मों और वेब सीरीज में प्रशासनिक अधिकारियों के निगेटिव रोल को लेकर खान सर (Khan Sir) मजबूती से अपना पक्ष रख रहे हैं। खान सर (5 मिनट 10 सेकेंड के बाद) कहते हैं कि “फिल्मों में पुलिस डिपार्टमेंट को बदनाम कर दिया जाता है। ऐसा नहीं है। जो आप देख रहे होते हैं वो लोअर रैंक पर थोड़ा बहुत चल जाता है, लेकिन फिल्म में आप देखेंगे मिर्जापुर (Mirzapur) सीरीज में डीआईजी को जमीन पर बैठा के खाना खिला रहा है। ऐसा थोड़ी होता है। यहां फिल्म पुलिस विभाग को पूरा बदनाम करके रख दिया है। पुष्पा मूवी (Pushpa 2 The Rule) में भी अभिनेता क्रीमिनल बन कर पुलिस अधिकारियों को चैलेंज कर रहा है। फिल्मों में सब कुछ बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जाता है।”

अंतत: खान सर कहते हैं कि “फिल्म में राइटर्स की मजबूरी है। मिर्च मसाला नहीं जोड़ेंगे तो इंटरेस्ट भी कहां से आएगा, उसकी भी मजबूरी है।”

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