Fatty Liver: आज के बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से कई तरह की बीमारियां पनप जाती हैं। शरीर में इन बीमारियों के होने से हम काफी कमजोरी महसूस करते हैं। वही लिवर हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग बताया जाता है। यदि लिवर में कुछ खराबी आ जाती है तो खाने पीने पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इनकी एक स्टडी के मुताबिक बताया जाता है कि करीब 35% बच्चे फैटी लिवर की बीमारी का शिकार है और इसका प्रमुख कारण अनहेल्दी टिफिन भी बताया गया है।
AIIMS की स्टडी से हुआ दावा
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में अभी हाल में एक स्टडी में दावा किया कि 38% भारतीय नॉन अल्कोहल फैटी लिवर की बीमारी से जूझ रहे हैं और बुजुर्गों के अलावा बच्चों को लेकर भी एक डरावने वाली तस्वीर सांझा की गई है। स्टडी में खुलासा किया गया है कि करीब 35% बच्चे फैटी लिवर की बीमारी का शिकार है और इसमें सबसे हैरानी वाली बात यह है कि घर से जो बच्चों को अनहेल्थी टिफिन दिया जाता है, वही इसका सबसे बड़ा कारण है।
इस तरह बच्चों में बढ़ रही फैटी लिवर की बीमारी
स्टडी में खुलासा किया गया है कि नॉन अल्कोहल फैटी लिवर की बीमारी का शुरुआती चरण में पता नहीं लगता। क्योंकि इसके लक्षण नहीं नजर आते। समय के साथ ही बीमारी और ज्यादा बढ़ने लगती है। वहीं आगे जाकर गंभीर रूप ले लेती है। अगर आपका वजन ज्यादा बढ़ गया है तो फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है। इसके अलावा बदलती लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज ना करने की वजह से भी फैटी लीवर का शिकार होना पड़ता है।
वही बच्चों की बात करें तो आज के समय में बच्चे ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते। बच्चों को कैलोरी फूड भी सबसे ज्यादा दिया जाता है और इसी वजह से उनका वजन भी तेजी से बढ़ता है। यही कारण है कि नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी लोगों को अपना शिकार बना रही हैं। जो बच्चे डायबिटीज या मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें फैटी लीवर होने का खतरा बढ़ जाता है।
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