Chronic Kidney Disease: आपकी किडनी कई महत्वपूर्ण कार्य करती हैं। बता दें कि लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद करना। आपके शरीर में महत्वपूर्ण खनिजों को संतुलित करना। आपके रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करना। लेकिन क्या आपको पता है कि अगर किडनी काम करना बंद कर दे तो क्या होगा। चलिए आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बताते है जिसका नाम है क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी)। आईए जानते है इस बिमारी के कारण , लक्षण और उपाय।
क्या है क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी)
क्रोनिक किडनी रोग का मतलब है कि आपकी किडनी खराब हो गई है और वे उतना अच्छा काम नहीं कर रही हैं जितना उसे करना चाहिए। आपकी किडनी आपके शरीर में एक फिल्टर की तरह है। जो आपके शरीर की गंदगी को पानी के माध्यम से या अन्य माध्यम से शरीर से बाहर निकालती है। जब आपकी किडनी अपना कार्य करना बंद कर देती है, तो वह वेस्ट को फ़िल्टर नहीं कर पाती हैं, जिसका अर्थ है कि वेस्ट आपके रक्त में जमा हो जाता है।
क्रोनिक किडनी रोग के लक्षण
बता दें कि क्रोनिक किडनी रोग की बिमारी धीरे धीरे बढ़ती है। इसके लक्षण समय के साथ बढ़ते जाते है। यह कितना गंभीर है, इस पर निर्भर करता है कि आपकी किडनी किस तरह से काम कर रही है। इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते है।
●अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता।
●शरीर में थकान, कमजोरी होना ।
●भूख में कमी।
●आपके हाथ, पैर और टखनों में सूजन।
●सांस लेने में कठिनाई।
●मानसिक तीव्रता में कमी।
●मांसपेशियों में ऐंठन।
●सीने में दर्द अगर हृदय की परत के आसपास तरल पदार्थ जमा हो जाए।
●हाई बल्ड प्रेशर को नियंत्रित करना मुश्किल।
क्रोनिक किडनी रोग के कारण
●क्रोनिक किडनी रोग तब होता है जब कोई बीमारी या स्थिति किडनी की कार्यप्रणाली को ख़राब कर देती है, जिससे खराब हो जाती है और काम करना बंद कर देती है। इसके कारण इस प्रकार है
●अगर किडनी तक रक्त का प्रवाह ठीक से नहीं पहुंच पाता है।
●जब किसी व्यक्ति को अनियंत्रित मधुमेह होता है, तो रक्त में शर्करा (ग्लूकोज) जमा हो जाती है और किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है।
●उच्च रक्तचाप ग्लोमेरुली को नुकसान पहुंचा सकता है। ये गुर्दे के वे भाग हैं जो अपशिष्ट उत्पादों को फ़िल्टर करते हैं।
●मलेरिया और पीला बुखार- ये दो मच्छर जनित बीमारियाँ गुर्दे की कार्यप्रणाली को ख़राब कर सकती हैं।
●कुछ दवाएं- एनएसएआईडी सहित कुछ दवाओं के अत्यधिक उपयोग से किडनी खराब हो सकती है।
●अवैध पदार्थ का उपयोग- हेरोइन या कोकीन जैसे पदार्थों का उपयोग किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है
क्रोनिक किडनी रोग का इलाज
एक बार सीकेडी बिमारी बढ़ने का बाद इसका इलाज पूरी तरह से तो संभव नही है लेकिन कुछ तरीकों के इस समस्या से बढ़ने से रोका जा सकता है।
●संतुलिक आहार के सेवन करने से क्रोनिक किडनी रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है। बता दें कि अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से ग्रसित है तो उसे कम नमक का सेवन करना चाहिए।
●अगर किसी को क्रोनिक किडनी रोग है तो उन्हें शराब का सेवन करने और स्मोकिंग करने से बचना चाहिए।
●अगर किसी व्यक्ति को शुगर है तो उसे समय समय पर ब्लड शुगर की जांच करवानी चाहिए।
●इस बीमारी के कारण व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है। ऐसे में वह किसी डायटिशियन से मिलकर वजन को संतुलित रख सकते है।
क्रोनिक किडनी रोग की समस्या बेहद गंभीर और चिंताजनक होती है ऐसे में सीकेडी से पीड़ित व्यक्ति को बिना किसी लापरवाही के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ज्ञात हो कि भारत में क्रोनिक किडनी रोग के मामलों में डायबिटीज प्रमुख कारण है और यहां अंतिम चरण के किडनी रोग के भी काफी मामले हैं।
Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इस लेख में उल्लिखित तरीकों और दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, डीएनपी इंडिया उनकी पुष्टि या खंडन नहीं करता है। ऐसे किसी भी सुझाव/उपचार/दवा/आहार पर अमल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।