Coronavirus: महामारी की तरह समय में जिस तरह हेल्थ वर्कर्स ने बढ़ चढ़कर लोगों की मदद की थी, लेकिन अब उन्हीं पर ही संकट मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों ने अभी हाल ही में साउथ एशिया के कुछ हिस्सों के हेल्थ वर्कर और मरीजों के साथ-साथ वहां की आबादी पर एक रिसर्च किया जिसमें यह जानने की कोशिश की गई कि महामारी ने किस तरह से लोगों के दिमाग पर अपना असर दिखाया। अब इस रिसर्च में ऐसी बात सामने आई है, जिसने सबको हैरत में डाल दिया है।
अजीब तरह की मानसिक परेशानी से जूझ रहे हेल्थ वर्कर
रिसर्च से पता चला है कि दुनिया भर के हेल्थ वर्कर महामारी के बाद से एक अजीब तरह की मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। बता दें कि महामारी के समय में लॉकडाउन लगाया गया था उसकी वजह से लोगों की लाइफ स्टाइल और खान-पान का भी ज्यादा असर पड़ा। वहीं कुछ लोग सामाजिक व्यवहार से भी प्रभावित हुए। इसके बाद ताइवान के हेल्थ डिपार्टमेंट में काम कर रहे हेल्थ वर्कर्स और मरीजों पर एक रिसर्च की गई जिसमें कई मुद्दों पर जिक्र हुआ और इसमें पहली स्थिति लोगों के दिमागी हालत पर देखी गई। यह देखा गया कि समाज में किस तरह से संकट से लोगों ने मुकाबला किया और लोग किस तरह से डरे हुए थे।
रिसर्च में हुआ खुलासा
साइंटिस्ट द्वारा की गई रिसर्च को फ्रंटियर्स इन मेडिसिन में पब्लिश किया गया हैं। जिसमें पता चला कि हांगकांग के लोगों में महामारी का डर सबसे अधिक था। इसके अलावा कुछ और ताइवान के हेल्थ वर्कर ने दूसरे ग्रुप की तुलना में महामारी को लेकर कम डर दिखाया। वहीं रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ चुंग-यिंग लिन का कहना है कि “हमें ताइवान के 192, 500 ताईवानी स्वास्थ्य कर्मियों और हांगकांग में 1067 लोगों के बीच मनोवैज्ञानिक संकट और सुरक्षा व्यवहार की तुलना की। सुरक्षात्मक व्यवहारों के पालन के संबंध में विपरीत संबंध देखा गया, जिससे कोविड-19 के संक्रमण की संभावना कम हो जाएगी।”
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।