Miscarriage: दुनिया के सबसे खूबसूरत पलों में से एक होता है किसी भी इंसान के लिए पेरेंट्स बनना। एक मां के लिए उसकी कोख बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होती है प्रेगनेंसी के दौरान मां अपने बच्चे को 9 महीने तक पेट में रखती है। 9 महीने के सफर में प्रेग्नेंट महिलाओं को सबसे ज्यादा गर्भपात यानी मिसकैरेज का खतरा होता है। गलत खान पीन और बिजी शेड्यूल के कारण महिलाओं में गर्भपात का खतरा और भी बढ़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ,10 से 25 फ़ीसदी महिलाएं मिसकैरेज से गुजरती है। मिसकैरेज महिलाओं के लिए काफी खतरनाक माना जाता है, इसके कारण वह कुछ समय के लिए डिप्रेशन में भी चली जाती हैं। उनके लिए ये एक मुश्किल दौर होता है। ऐसे ही हम आज आपको इस आर्टिकल के जरिए बताने वाले है कि आप किस तरह से मिसकैरेज से अपना बचाव कर सकते हैं।
मिसकैरेज के कुछ सामान्य कारण
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में भ्रूण का मर जाना मिसकैरेज कहलाता है। इसको आसान भाषा में समझा जाए तो, इसका मतलब होता है कि जब बच्चा गर्भ में ठहर नहीं पाता तो उसे मिसकैरेज या गर्भपात बोला जाता है। मिसकैरेज के कारणों की बात की जाए तो, एक हेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर मामलों में भ्रूण में असामान्य क्रोमोसोम्स होने के साथ खून और पोषक तत्वों की कमी, कमजोर गर्भाशय, इंफेक्शन, सेक्सुअल ट्रांसमिशन डिजीज और पीसीओएस जैसे कारणों से मिसकैरेज होता है। इन सब कारणों के साथ बढ़ती उम्र भी मिसकैरेज का कारण बन सकती है। सबसे ज्यादा मिसकैरेज के मामले 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में देखने को मिलते है। एक स्टडी में बताया गया कि, 30 साल की उम्र में 10 में से एक महिला का मिसकैरेज होता है, जबकि 45 साल की उम्र में 10 से 5 महिलाएं इस समस्या का सामना करती हैं।
Also Read: Tapeworm Diet: क्या वास्तव में मोटी चर्बी को गायब कर देती है ये गोली? जानें क्या है सच और कैसे करें वेट कम?
इन लक्षणों को ना करें नजरंदाज
मिसकैरेज के लक्षणों की बात की जाए तो, यदि किसी महिला को प्रेगनेंसी के दौरान मिसकैरेज होता है तो, उस दौरान महिला को लंबे समय तक ब्लीडिंग होती है ऐसे में उसे डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ अगर प्रेग्नेंट महिला के पेट के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन महसूस होती है तो यह भी मिसकैरेज का सामान्य लक्षण है। इसी के साथ अगर प्राइवेट पार्ट में डिस्चार्ज होता है या टिशू का निकलना या खून के थक्के निकलना यह भी एक मिसकैरेज की वार्निंग हो सकती है।
प्रेगनेंसी के वक्त इन सभी बातों का ध्यान रखें
अगर आप बेबी कंसीव करती हो तो उस समय आपको मेंटली और फिजिकली फिट रहना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान स्मोकिंग और ड्रिंकिंग जैसी चीजों से बिल्कुल ही दूर रहे इस बच्चे पर भी काफी असर पड़ता है। आप किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें। विटामिन और फोलिक एसिड की दवाइयां जरूर लें।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।