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Health Tips: Endometriosis और PCOS के बारे में करें अपनी कंफ्यूजन दूर, भूलकर भी नजरअंदाज ना करें ये सामान्य लक्षण

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Health Tips: एंडोमेट्रियोसिस और पीसीओएस के बारे में सभी महिलाएं कंफ्यूज रहती हैं। डॉक्टर ने एंडोमेट्रियोसिस और पीसीओएस के लक्षणों के बारे में जानकारी दी है। डॉक्टर का कहना है कि इन दोनों के लक्षण कुछ एक समान होते हैं और महिलाओं को पीरियड के दौरान अधिक ब्लीडिंग के साथ ही बेबी कंसीव करने की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति जब बन जाती है जब एंडोमेट्रियम उत्तक बाहर बढ़ने लगते हैं और टिशू बाहर की ओर निकल जाते हैं। इसके बाद पीरियड्स के दौरान शरीर से बाहर नहीं निकल पाते और शरीर के अंदर ही बिल्डिंग का कारण बन जाते हैं।

Endometriosis और PCOS के सामान्य लक्षण

  • कब्ज की समस्या होना
  • पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना
  • थकान महसूस होना
  • संभोग के दौरान दर्द होना
  • कंसीव करने की समस्या होना
  • डाइजेशन संबंधी समस्या हो जाना

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Endometriosis और PCOS के लक्षण सामान्य लक्षणों से अलग

  • चेहरे और शरीर पर बालों की अत्यधिक वृद्धि
  • एक्ने की ज्यादा समस्या होना
  • बार-बार मोड बदलना
  • ओवरी में सिस्ट होना
  • चिंता या डिप्रेशन का शिकार होना
  • वजन बढ़ जाना
  • मिसकैरेज की समस्या होना

Endometriosis और PCOS में क्या फर्क है

डॉक्टर द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक एंडोमेट्रियोसिस और पीओएस काफी हद तक एक समान होते हैं। साल 2017 में की गई स्टडी के मुताबिक करीब 5 से 20% महिलाओं को प्रसव की उम्र में पीसीओएस की समस्या हो जाती है। स्टडी में पाया गया कि जिन महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या है उनमें से करीब 80% महिलाओं को पीसीओएस की समस्या भी है। एंडोमेट्रियोसिस की समस्या के कारण टिशू बढ़ने लगते हैं, जिसकी वजह से फैलोपियन, ट्यूब, ओवरी पेरीटोनियम, वजायना के भाग काफी ज्यादा प्रभावित होते हैं।

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इसके अलावा पीसीओएस हार्मोन डिसऑर्डर है जो अंडाशय को ज्यादा प्रभावित करता है। इसके डिसऑर्डर में एंड्रोजन का लेवल काफी ऊंचा हो जाता है और ओवरी में सिस्ट की समस्या हो जाती है। बिना सिस्ट के भी पीसीओएस की समस्या हो सकती है। इसलिए डॉक्टर का परामर्श जरूर ले।

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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