High ESR: ब्लड रिपोर्ट में ईएसआर का वैल्यू काफी मायने रखते हैं। अगर ईएसआर का वैल्यू ज्यादा आता है तो क्या यह खतरे की बात है या इसके लिए आपको चिंता करने की जरूरत है। इस बारे में डॉक्टर प्रियंका शेहरावत ने एक वीडियो को शेयर करते हुए लोगों को खास जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि अगर ईएसआर बढ़ा हुआ हो तो उसे कम कैसे किया जा सकता है लेकिन इससे पहले लिए जानते हैं आखिर क्या है डॉक्टर प्रियंका शेहरावत का मानना। इस वीडियो में लोगों को अहम जानकारी दी है।
क्या है ईएसआर
ईएसआर के फुल फॉर्म की बात करें तो इसका मतलब एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट होता है। एरिथ्रोसाइट रेड ब्लड सेल्स जो हमारे ब्लड सेल्स की मुख्य चीज होती है सेडीमेंटेशन का मतलब जमा होना होता है तो रेट का मतलब गति। ऐसे में किस गति से आरबीसी ट्यूब में जमा हो रहे है उसी हिसाब से ईएसआर का वैल्यू पता किया जाता है।
इन मामलों में हो सकता है सामान्य
अगर ईएसआर का वैल्यू हाई है और किसी इन्फेक्शन में या जैसे कि ट्यूबरक्लोसिस। या फिर इन्फ्लेमेटरी प्रक्रिया जैसे कि अर्थराइटिस या प्रेगनेंसी में एनीमिया जिसमें हीमोग्लोबिन कम हो जाए। ऐसे में ईएसआर का वैल्यू हाई हो सकते हैं लेकिन अगर इनमें से आपको कोई लक्षण नहीं है तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। कुछ पॉइंट ऐसे भी हैं जिसे इग्नोर किया जा सकता है क्योंकि यह दवाई के साथ ठीक हो जाते हैं।
इन लक्षणों को ना करें इग्नोर
- तेज बुखार होना
- वजन कम होना
- आप नहीं खा पा रहे हैं खाना
- आपको बार-बार आ रहा है उल्टी
- नाक से ब्लड जाना।
- जॉइंट में दर्द
करें डॉक्टर से संपर्क
अगर इनमें से कोई भी परेशानी आपको हो रही है तो आपको जनरल फिजिशियन से कंसल्ट करने की जरूरत है क्योंकि यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि इसे हमेशा इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से आपकी आरबीसी प्रभावित हो सकती है।
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