In Vitro Gametogenesis: मनुष्यों की प्रजनन प्रक्रिया को लेकर तरह-तरह के दावे व रिसर्च किए जाते रहे हैं। खबरों की मानें तो अब इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) के बाद इन विट्रो गैमेटोजेनेसिस (IVG) नामक तकनीक की खोज की जा रही है जिससे एक पुरुष की त्वचा कोशिका को अंडे (Eggs) में तो वहीं महिला की त्वचा कोशिका को शुक्राणु (Sperm) में बदला जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि इस क्रांतिकारी खोज के बाद कृत्रिम गर्भ में अंडे और शुक्राणु को विकसित करके प्रयोगशाला में मानव शिशुओं को विकसित किया जा सकेगा। हालाकि वैज्ञानिक तर्कों के अनुसार इसमें अभी लंबा समय लगने की संभावना है।
IVG को लेकर वैज्ञानिक तर्क
इन विट्रो गैमेटोजेनेसिस को मानव प्रजनन से जुड़ी एक प्रक्रिया माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस प्रक्रिया के तहत मानव कोशिकाओं के जरिए अंडे व शुक्राणु बनाए जा सकेंगे। इस संबंध में वैज्ञानिकों की टीम रिसर्च भी कर रही है। बता दें कि इस संबंध में दशकों पहले 2012 में वैज्ञैनिकों द्वारा अंडे का उपयोग करके जीवित नवजात चूहों का निर्माण किया गया था। इसके तहत चूहे की पूंछ पर त्वचा कोशिकाओं के सहारे इस प्रयोग को अंजाम दिया गया था। दावा किया जा रहा है कि निकट भविष्य में इस प्रक्रिया को मनुष्यों पर भी आजमाया जा सकता है जिससे प्रजनन की प्रक्रिया आसान हो सके।
IVG प्रक्रिया से हो सकेगा लाभ
इन विट्रो गैमेटोजेनेसिस की प्रक्रिया से मानव प्रजनन आसान और लाभकारी हो सकता है। इस संबंध में वैज्ञानिकों का दावा है कि बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं में गर्भावस्था दुर्लभ होती है और साथ ही पुरुषों में भी शुक्राणु की गुणवत्ता घटती है। ऐसे में इन विट्रो गैमेटोजेनेसिस के तहत त्वचा की कोशिकाओं से ताजा अंडे व शुक्राणु बनाए जा सकेंगे। इसके बाद से माता-पिता बनना आसान हो सकेगा। हालाकि इस प्रक्रिया के लिए अभी लंबा समय लगने के आनुमान हैं।
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