Brown Discharge: वजाइनल डिस्चार्ज के तो विषय में सभी महिलाओं को पता ही होगा। कई बार व्हाइट डिस्चार्ज और ब्राउन डिस्चार्ज होता रहता है। मगर महिलाएं ब्राउन डिस्चार्ज को देखकर बेहद घबरा जाती हैं। बता दें, इस स्थिति में घबराने की नहीं सतर्क रहने की जरूरत है।
कई बार हार्मोनल या पीरियड से जुड़ी परेशानियों को लेकर ब्राउन डिस्चार्ज की समस्या उत्पन्न हो जाती है। मगर इसमें डरने की बात नहीं है। इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको यही बताएंगे कि किस स्थिति परिस्थिति में ब्राउन डिस्चार्ज होता है और कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
जानें ब्राउन डिस्चार्ज का कारण
वजाइनल डिस्चार्ज के कई बड़े कारण हो सकते हैं। आपको बता दें, वजाइनल डिस्चार्ज हेल्दी वजाइना की पहचान है। जी हां, एक्सपर्ट्स का मानना है कि वजाइना से होने वाला डिस्चार्ज बैक्टीरिया के खतरे को रोकता है। इससे वजाइना में इन्फेक्शन नहीं होता है। तो आइए जानते हैं कब-कब होता है ब्राउन डिस्चार्ज।
पीरियड्स से पहले
कई बार आपने गौर किया होगा कि पीरियड्स से पहले डिस्चार्ज होता है। इसमें होने वाला व्हाइट या ब्राउन डिस्चार्ज चिपचिपा और अधिक गाढ़ा रहता है। ये डिस्चार्ज पीरियड्स से तुरंत पहले यानी 1 से 2 दिन पहले होता है।
पीरियड्स के दौरान
कई बार पीरियड्स के दौरान भी डिस्चार्ज होता है। बता दें, कुछ महिलाएं अधिक ब्लीडिंग से परेशान रहती हैं। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पीरियड्स के बाद
कई बार पीरियड्स के बाद डिस्चार्ज का सिलसिला शुरू होता है। इस स्थिति में एस्ट्रोजन का सीक्रेशन ज्यादा होता रहता है। इस स्थिति में डिस्चार्ज की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
ओवल्यूशन से पहले
पीरियड्स के कुछ दिनों बाद ही एग का निर्माण शुरू हो जाता है। इस स्थिति में डिस्चार्ज की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसमें महिलाओं को इलास्टिक और पतला जैसा महसूस होता है।
ओवल्यूशन के दौरान
इस दौरान एग का निर्माण हो जाता है। इस दौरान जितना भी डिस्चार्ज होता है उसका रंग उतना ही क्लियर रहता है। ओवल्यूशन से दौरान पानी जैसा डिस्चार्ज होता है।
ओवल्यूशन से बाद
ओवल्यूशन के बाद डिस्चार्ज होना स्वाभाविक है। इस दौरान डिस्चार्ज का रंग काफी बदला हुआ रहता है। इतना ही नहीं इसका रंग भी बेहद गाढ़ा होता है।
इस स्थिति में तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क
कभी भी ब्राउन डिस्चार्ज से घबराना नहीं चाहिए। ये एक नेचुरल प्रोसेस है। बता दें, कई बार ब्लड डिस्चार्ज में मिल जाता है। इस स्थिति में डिस्चार्ज का कलर ब्राउन हो जाता है। मगर ये पीरियड्स के आस पास आए तो नॉर्मल है। मगर 6-7 दिनों के अंतराल में आए तो इसका असर बहुत गहरा पड़ सकता है। इसलिए इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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