Monday, December 23, 2024
Homeहेल्थPostpartum Depression के इलाज के लिए दवाओं को मिली मंजूरी, सरकार ने...

Postpartum Depression के इलाज के लिए दवाओं को मिली मंजूरी, सरकार ने इस तरह लिया बड़ा फैसला

Date:

Related stories

Postpartum Depression: अमेरिका में महिलाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दरअसल अमेरिकी सरकार ने पोस्टपार्टम डिप्रेशन की इलाज की दवा को मंजूरी दी। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पोस्टमार्टम डिप्रेशन के इलाज के लिए बायोजेन और सेज थेरेप्यूटिक्स की दवा को मंजूरी दी है। इसका इस्तेमाल डिप्रेशन के इलाज में किया जाएगा और यह इसके इलाज में लाई जाने वाली पहली टेबलेट है।

कंपनियों ने दवा के लिए मांगी थी मंजूरी

बता दें कि, कंपनियों ने ज़ुर्ज़ुवे नाम की दवा के लिए मंजूरी मांगी थी। यह दवा प्रमुख डिप्रेसिव डिसऑर्डर या क्लिनिकल डिप्रैशन के साथ-साथ पोस्टमार्टम डिप्रेशन का इलाज भी करती है। इसी बीच पीपीडी महिलाओं को प्रेगनेंसी के बाद काम करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। एक तरह से यह मां के अपने नवजात बच्चे के साथ रिश्ते को भी काफी प्रभावित करती है। इन दवाओं को मंजूरी मिलने से डिप्रेशन के इलाज को भी संभव दिया गया है। सेज थेरेप्यूटिक्स और बायोजेन में एक बयान में कहा कि, “ड्रग एनफोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से नियंत्रित पदार्थ के रूप में शेड्यूल किए जाने के बाद ज़ुर्ज़ुवे की 2023 की चौथी तिमाही में लॉन्च हो सकती है। इस दवा को मंजूरी मिलने के 90 दिनों के भीतर बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है।”

दवाइयों की मंजूरी के लिए किया गया था मूल्यांकन

बता दे कि, एफडीए ने एमडीडी वाले व्यस्को के इलाज में दवा के आवेदन के लिए एक पूर्ण प्रतिक्रिया पत्र जारी किया था। उस बयान में कहा गया था कि, “एप्लीकेशन ने एचडीडी के इलाज के लिए ज़ुर्ज़ुवे की प्रभावशीलता का पर्याप्त सबूत नहीं दिया है। दवाइयों का समर्थन करने के लिए और अधिक स्टडी की जरूरत होगी।” इसके बाद सेज और बायोजेन ने कहा कि “दवाइयों की समीक्षा कर रहे हैं और अगले कदमों का भी मूल्यांकन कर रहे हैं। इन दवाओं की मांग को लेकर एफडीए के मनोरोग दवा निर्देशक डॉ टिकनी फॉर्चियोन ने अपने बयान में बताया कि “यह दवा उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होगी जो जिंदगी और मौत के खतरे का सामना कर रहे हैं।”

अब दवाइयों के जरिए होगा इलाज

एफडीए का कहना है कि, अब तक पोस्टमार्टम डिप्रैशन का इलाज केवल इंट्रावेनस इंजेक्शन से ही किया जाता था लेकिन अब टेबलेट के जरिए इसका इलाज संभव है। बता दें कि,अमेरिका में 2021 के दौरान अनुमान में 21 मिलियन व्यस्को में कम से कम एक को प्रमुख डिप्रेसिव डिसऑर्डर था। वही पीपीडी बच्चों को जन्म देने वाली 7 में से एक महिला इससे प्रभावित थी।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Anjali Sharma
Anjali Sharmahttps://dnpindiahindi.in
अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

Latest stories