Bone Marrow Transplant: लोगों में कई सारे तरह की बीमारी देखने को मिलती हैं। जिनमें से कुछ का इलाज करना तो बहुत आसान होता है , लेकिन कुछ का इलाज कराना उतना ही मुश्किल हो जाता है। ऐसी ही एक बोन मैरो नाम की बीमारी है। जिसका इलाज दिल्ली के केवल एक ही अस्पताल AIIMS में था। लेकिन अब एक खुश खबरी की बात यह है कि, इस बोन मैरो ट्रांसप्लांट दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भी होना शुरू हो जाएगा। इस बात की जानकारी खुद अस्पताल के चिकित्सक अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने मीडिया को इस बात की खबर दी थी। साथ ही कहा था कि जल्द ही एक महीने के भीतर यहां पर इस बोन मैरो ट्रांसप्लांट की शुरूआत भी कर दी जाएगी। इसे आने वाले समय में सभी मरीजों खासतौर से गरीबों को काफी फायदा होने वाला है।
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क्या है बोन मैरो ट्रांसप्लांट
बोन मैरो एक तरह की कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी है। जिसका इलाज करना काफी मुश्किल माना जाता है। बोन मैरो ट्रासप्लांट को स्टेम सेल ट्रासप्लांट भी कहा जाता है। यह प्रक्रिया काफी कठिन सर्जरी में से एक होती है। बोन मैरो ट्रासप्लांट करने की जरूरत मरीज को तब पड़ती है, जब वह काम करना बिल्कुल पूरी तरीके से बंद कर देती है। जहां पर नई और स्वास्थ कोशिकाओं का उत्पादन होता है, वहां पर एक अलग प्रकार का पर्दार्थ बनना शुरू हो जाता है, जिसके कारण से कोशिकाएं सही प्रकार से काम नहीं कर पाती हैं और बोन मैरो ट्रासप्लांट की आवश्यकता पड़ जाती है। जो भी डोनर इसमें अपनी बोन मैरो मरीज को दे रहा होता है, तो उन दोनों के बोन मैरो का एक जैसा होना बहुत जरूरी होता है, नहीं तो उनका ट्रासप्लांट नहीं हो सकता है।
मुफ्त में होगा यह ट्रासप्लांट
सफदरजंग में बनी इस नई बोन मैरो यूनिट में मरीजों को इलाज एकदम मुफ्त में किया जाएगा। वैसे प्राइवेट अस्पतालों में इस ट्रांसप्लांट को करने में लगभग पूरा खर्चा 15 से लेकर 25 लाख के बीच में आता है। लेकिन मरीजों को जिस भी दवाई की आवश्यकता होगी उसके लिए मरीज को पैसे खुद देने पड़ेंगे।
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