ORS vs ORSL: कहीं आप भी ORS के बदले तो नहीं ले रहे हैं ORSL! जी हां डिहाईड्रेशन के शिकार होने के बाद अगर आप ओआरएस के बदले ओआरएसएल ले रहे हैं तो सचेत होने की जरूरत आपको है। यह डायरिया का कारण बन सकता है। यह हम नहीं बल्कि डॉक्टर प्रियंका शेहरावत ने एक वीडियो को शेयर कर ओआरएस और ओआरएसएल के बीच में अंतर को बताती हुई नजर आई। लोगों को इस बारे में सचेत भी किया है। ऐसे में पूरी जानकारी पाने के लिए आप इस वीडियो को देखिए।
कैसे काम करता है ओआरएस
प्रियंका शेहरावत के अनुसार ओआरएस यानी ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन। यह दस्त के लिए बहुत अच्छी दवा है और इससे डायरिया, लूज मोशन या वाटर का लॉस, इलेक्ट्रोलाइट का लॉस होता है। उसे रिप्लेस करने के लिए ओआरएस दिया जाता है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा तैयार किया गया है जो फार्मूले पर आधारित है और इसमें सोडियम, पोटेशियम और ग्लूकोज की मात्रा होती है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी को आंतों की कोशिकाओं में प्रवेश करने और डिहाइड्रेशन को रोकने में मदद करती है।
ORSL को लेकर ना करें ये गलती
ओआरएसएल की बात करें तो ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट विद लेक्टेट। यह एक एनर्जी ड्रिंक है जिसमें ग्लूकोज की अलग-अलग संरचना होती है और यह आंतों की कोशिकाओं से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स को आंतों के लुमेन में बाहर निकालकर दस्त को और भी खराब कर सकता है। इसे ऑस्मोटिक डायरिया भी कहा जाता है। मैराथन या व्यायाम के बाद इसका उपयोग किया जा सकता है लेकिन दस्त के दौरान दवाइयां, डिहाइड्रेशन सॉल्यूशन के रूप में इसे इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है।
ओआरएस लेते समय रखें ये ध्यान
ऐसे में आप जब भी ओआरएस का सेवन कर रहे हैं तो यह ध्यान रखें कि यह डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रमाणित हो। यह ओआरएस हो ना कि ओआरएसएल वरना आपको भी लगाने पड़ सकते हैं डॉक्टर के चक्कर और जान पर भी आ सकती है बात। ऐसे में डॉक्टर प्रियंका शेहरावत ने इस वीडियो के जरिए खास जानकारी दी है।
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