Pneumonia Cases: नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निमोनिया के कई मामले सामने आए हैं। इसको लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। कई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया कि निमोनिया के ये मामले चीन में हालिया वृद्धि से जुड़े हैं। अब इस संबंध में दिल्ली एम्स की ओर से आधिकारिक बयान सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई जानकरी के अनुसार भारत में पाए गए निमोनिया के ये मामले चीन में हुई हालिया वृद्धि से बिल्कुल नहीं जुड़े हैं। ऐसे में इसे चीन वाले निमोनिया से जोड़कर देखना गलत और भ्रामक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी
भारत सरकार की ओर से स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में पाए गए निमोनिया के मामले को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया है। इसके तहत बताया गया है कि हमारे देश में निमोनिया के जो भी मामले सामने आए हैं उनका चीन में हो रही वृद्धि से कोई लेना-देना नहीं है। इसके लिए दिल्ली एम्स में डॉक्टर्स की एक टीम ने देश में पाए गए निमोनिया के मामले की मॉनिटरिंग की है और तब जाकर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। इसे भारत के लिए बड़ा राहत भी माना जा रहा है।
बच्चों में पाई गई बिमारी
भारत में बच्चों के अंदर निमोनिया तेजी से पैर पसार रहा है। ताजा जानकारी के अनुसार दिल्ली एम्स में इस बिमारी के 7 मरीज मिले हैं। हालाकि राहत की बात ये है कि इस निमोनिया का चीन वाली बिमारी से कोई जुड़ाव नहीं है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सांस से जुड़ी इस बिमारी के लिए मायकोप्लाज्मा निमोनिया नामक बैक्टीरिया जिम्मेदार है।
चीन में मचा हाहाकार
भारत के पड़ोसी देश चीन में इन दिनों बच्चों में सामान्य सी बिमारी पाई जा रही है जिससे हाहाकार मचा है। चिकित्सा एक्पर्ट का दावा है कि कोविड के दौरान लगे प्रतिबंध हटने के बाद चीन में ये पहली सर्दी है। ऐसे में वहाँ लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होगी जिससे ये बिमारी तेजी से पैर पसार रहा है। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि चीन में निमोनिया के बैक्टीरिया खाँसने, हँसने, छींकने, बोलने से फैल रहे हैं। चीन सरकार इसको लेकर सख्त है और देश में इसके रोकथाम के लिए लगातार कदम उठा रही है।
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