Premenstrual Syndrome: महिलाओं में हर महीने होने वाले रक्तस्त्राव को पीरियड्स कहा जाता है। वैसे तो लड़कियों की मेन्सट्रुअल साइकल 28 दिन लंबी होती है, लेकिन हर लड़की की साइकल अलग-अलग होती है जिसका प्रभाव इसके दिन पर पड़ता है। इसके कारण किसी की मेन्सट्रुअल साइकल कम तो किसी की साइकल ज़्यादा दिनों तक चलती है। वहीं अगर आपकी मेन्सट्रुअल साइकल तय उम्र से पहले ही बंद हो रही है, तो आपको सतर्क होने की ज़रूरत है।
ऐसा कहा जाता है कि मेन्सट्रुअल साइकल का तय समय से पहले बंद होना प्रीमेन्सट्रुअल सिंड्रोम हो सकता है। इसके लक्षणों को पहचानने के लिए आपको अपनी मेन्सट्रुअल साइकल पर ध्यान देना होगा, वरना आपको कई गंभीर बीमारियां का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको बताते हैं कि क्या है यह प्रीमेन्सट्रुअल सिंड्रोम और इससे कैसे बचा जाए।
क्या है Premenstrual Syndrome के लक्षण?
Premenstrual Syndrome, जिसे आमतौर पर PMS कहा जाता है, महिलाओं में कई तरह की बीमारियां पैदा करता है। इसके लक्षणों में मूड स्विंग्स, भूख न लगना, थकान, नींद न आना, कमज़ोरी, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन शामिल हैं। शोध के मुताबिक़ 4 में से 3 महिलाओं में Premenstrual Syndrome के लक्षण पाए जाते हैं। सुनने में यह लक्षण बहुत आम लगते हैं लेकिन इन पर वक्त पर ध्यान न देने से यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
Premenstrual Syndrome का कैसे करें इलाज?
अगर आपने समय रहते Premenstrual Syndrome के लक्षणों को पहचान लिया है तो आपको इससे बचने के लिए डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं है। ऐसे मामलों में आप इसे अपनी जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करके भी ठीक कर सकती हैं। इसके लिए आप रोज़ाना 30 मिनट तक एक्सरसाइज़ करें, हेल्दी डाइट लें और अच्छी नींद लें। दूसरी ओर अगर आपको काफी समय से Premenstrual Syndrome के लक्षण हैं तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लेने की ज़रूरत है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल जानकारी के रूप में लें। DNP News Network/Website/Writer इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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