Monday, December 23, 2024
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Prostate Cancer: बिना दर्द के इस थेरेपी से हो सकता है कैंसर का ईलाज! डॉक्टरों ने रिसर्च में किया बड़ा दावा

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Prostate Cancer: बीमारियों से लड़ने के लिए समय-समय पर नई दवाओं का पता लगना बेहद जरूरी है, प्रोस्टेट कैंसर भी पुरूषों में होने वाली वाली एक बड़ी बीमारी है. दुनिया भर में कई लोग इससे परेशान है वहीं चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा इसी कैंसर से लड़ने वाले लोग अपना दम तोड़ देते है. वहीं खबरों की मानें तो आने वाले समय में यह आंकडे और भी तेजी से बढ सकते हैं. प्रोस्टेट ग्लेंड में होने वाला यह जानलेवा कैंसर धीरे-धीरे बाकी शरीर पर भी कब्जा करने लगता है ऐसे में वक्त रहते इसके बारे में पता चलता बेहद जरूरी है. इसके लक्षणों के साथ नई थेरेपी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके प्रयोग में कई खुलासे हुए हैं.

क्या है प्रोस्टेट कैंसर और इसके लक्षण

बता दें कि प्रोस्टेट कैंसर दुनिया में होने वाली सबसे बड़ी बीमारियों में से एक है जोकि हर साल लाखों लोगों को अपनी जद में ले लेता है. इसका प्रचलित ईलाज भी एक स्टेज तक आकर ही लोगों की मदद कर पाता है. प्रोस्टेट कैंसर पुरूषों की प्रोस्टेट ग्लैंड में होता है वहीं इसके लक्षणों में पेशाव करने से परेशानी, दर्द होना और साथ ही कई गंभीर दिक्कतें आ सकती हैं. वक्त पर ध्यान न दिया जाए तो यह शरीर की बाकी कोशिकाओ को भी डैमेज करने लगता है, हाल ही में इस पर ‘इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च’ लंदन के शोधकर्ताओं में एक रीसर्च की है जिसमें उन्होने बड़े चीजों से पर्दा उठाया है.

प्रोस्टेट कैंसर के लेकर अध्ययन

प्रोस्टेट कैंसर कई स्टेज पर काम करता है, ध्यान न देने के चलते यह बिगड़ जाता है और भी भयानक हो जाता है बता दें कि मेटास्टैटिक कैस्ट्रेशन-प्रतिरोधी प्रोस्टेट कैंसर एक उन्नत कैंसर है इसमें नॉर्मल थेरेपी काम नहीं करती है. इस पर रिसर्च करते हुए लंदन के शोधकर्ताओं ने प्रोस्टेट कैंसर में दी जाने वाली दवाई जिसका नाम AZD5069  है, साथ ही दूसरी थेरेपी एन्जालुटामाइड है को साथ में देकर टेस्ट किया गया. यह प्रयोग कैंसर कोशिकाओं को ट्यूमर में ही रोकने के लिए किया गया था जिसके नतिजों ने सभी लोगों को चौका दिया.

नतीजों ने सभी को चौंकाया

बता दें कि अध्ययन में पाया गया कि जब इन दोनों चीजों को साथ में मरीज को दिया जाता है तो इसकी मॉयलोइड कोशिकाएं ट्युमर से दूर नही जा पाती. जिन लोगों पर यह रिसर्च किया गया उनमें से 30 प्रतिशत पर इसके ठीक परिणाम देखने को मिले साथ ही कैंसर कोशिकाएं घटने भी लगी थी. प्रोस्टेट कैंसर के लिए यह अध्ययन मील का पत्थर साबित हो सकता है जिसमें नई तरह की दवाओं पर भी काम होना शुरू हो सकता है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल जानकारी के रूप में लें। DNP News Network/Website/Writer इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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Diksha Gupta
Diksha Guptahttps://www.dnpindiahindi.in
2022 से करियर की शुरुआत कर दीक्षा बतौर कंटेंट राइटर के रूप में अपने सेवाएं दे रही हैं। लिखने, पढ़ने और कुछ नया सीखने के जोश के साथ आगे बढ़ने में विश्वास करती हैं। साथ ही एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और वायरल खबरों पर लिखने में इन्हें विशेष रुचि है। diksha.gupta1019@gmail.com पर इनसे संपर्क कर सकते हैं।

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