Sleep Paralysis: कई बार हम महसूस करते हैं कि रातभर की अच्छी नींद के बाद भी हम सुबह उठ नहीं पाते हैं। कई बार तो शरीर के किसी हिस्से को हिलाने तक में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। मगर ये समस्या लोगों के लिए काफी आम हो गई है। लेकिन भूलकर भी इस परेशानी को नजरअंदाज न करें। ये किसी बड़ी बीमारी का कारण हो सकता है। आपको बता दें, इन लक्षणों का कारण ‘स्लीप पैरालिसिस’ हो सकता है। इस बीमारी के दौरान व्यक्ति अच्छी नींद लेने के बाद भी सुबह नहीं उठ पाता है। उसके शरीर का अंग सही ढंग से काम नहीं करता है। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम स्लीप पैरालिसिस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के विषय में जानते हैं।
स्लीप पैरालिसिस में इन लक्षणों का करना पड़ता सामना
अगर व्यक्ति स्लीप पैरालिसिस बीमारी से ग्रसित है तो वो सुबह जगा तो रहता है मगर उसके शरीर का कोई भी अंग उसके वश में नहीं रहता है। वो रातभर की अच्छी नींद लेने के बाद भी सुबह उठने में असमर्थ रहता है। व्यक्ति को सुबह आंख खोलने में भी दिक्कत होती है और हाथ-पांव हिलाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा व्यक्ति बेहद डरा होता है और वो सहम जाता है। ये स्थिति सुबह कुछ मिनटों तक रहती है। उसके बाद व्यक्ति सामान्य हो जाता है।
स्लीप पैरालिसिस बीमारी का क्या है कारण
स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी बीमारी है जो समय के साथ बढ़ती जा रही है। अक्सर लोग इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं। वहीं ये बीमारी युवाओं में अक्सर देखने को मिल रही है। इस बीमारी के ये सभी कारण हैं।
- नींद न आने की समस्या
- खराब जीवनशैली
- सोने के समय और पैटर्न में बदलाव
- स्ट्रेस, टेंशन
- परिवार में स्लीप पैरालिसिस के इतिहास के कारण
इस बीमारी से खुद का करें ऐसे बचाव
आज कल के समय में लोग खुद की कुछ गलतियों के कारण स्लीप पैरालिसिस का शिकार हो रहे हैं। इसलिए कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। इसलिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं, जिसे अपनाकर आप स्लीप पैरालिसिस जैसी बीमारी से बच सकते हैं। इसके लिए इन चीजों का रखें ध्यान।
- अच्छी नींद लेने की है जरूरत
- सोने की रूटीन को करें फॉलो
- सोने और उठने के समय को करें निर्धारित
- हर रोज करें एक्सरसाइज
- सोने से पहले भूलकर भी न करें नशीली पदार्थों का सेवन
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।