Sunday, December 22, 2024
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Sleep Related Disorders at Night: गहरी नींद के बार-बार खुलने से अगर आप भी हो रहे परेशान, तो जानें क्या हैं इसके पीछे के संकेत

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Sleep Related Disorders at Night: नींद का पूरा होना स्वास्थ शरीर के लिए बहुत जरुरी है। आम इंसान के लिए 7 से 8 घंटे की नींद लेना आवश्यक होता है। लेकिन कुछ लोगों को नींद से जुड़ी बहुत सी समस्याएं झेलने पड़ती है। जहां एक तरफ कई लोगों को रात में नींद ही नहीं आती है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी गहरी नींद रात में बार-बार टूटती रहती है। एक बार यदि नींद खुल भी जाएं, तो फिर दोबारा नींद आने में बहुत मुश्किल होती है। यदि इस तरह की परेशानी आपके साथ भी होती है, तो इसे हल्के में बिल्कुल भी न लें। बार-बार नींद खुलने वाली इस दिक्कत को डॉक्टरी भाषा में इनसोमनिया कहा जाता है। खासतौर से यदि आपकी नींद रात में 1 बजे से लेकर 4 बजे तक के बीच में खुलती है, तो इससे आपकी बॉडी को कुछ बीमारियां होने लगती है, मुख्य रुप से लिवर संबंधित। समय रहते इस परेशानी को जान लेना चाहिए। नहीं , तो आगे जाकर इससे आपकी जान को खतरा भी हो सकता है। आज इस आर्टिकल में आपको रात में अचानक से खुलने वाली बीमारी से शरीर पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया जाएगा।  

नींद के खुलने से लिवर पर पड़ता है असर

रात के समय खासतौर पर 1 से 4 बजे के बीच नींद के खुलने से शरीर को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जरनल ऑफ नेचर एंड साइंस ऑफ स्लीप के रिसर्च मे इस बात की जानकरी दी गई थी कि रात को अचानक से खुलने वाली नींद आपके लिवर खराब होने की तरफ संकेत करती है। ऐसा होने से आपको लिवर से जुड़ी कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।

नींद खराब होने के क्या हैं कारण

बॉडी में लिवर के खराब होने से शरीर को बहुत सी तकलीफों से गुजरना पड़ता है। जैसे इनसोमनिया, रात में नींद न आना , दिन के समय बहुत अधिक नींद आना और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम आदि इस सबके मुख्य लक्षण है। इस तरह की परेशानी और बीमारी से बचने के लिए समय रहते डॉक्टर से अपने लिवर का टेस्ट जरुर कराएं। नहीं तो आगे चलकर बहुत सी दिक्कतें हो सकती है।

रात में नींद के खुलने से लिवर किस तरह होता है प्रभावित

जिस तरह आपका कोई भी काम करने का एक समय निश्चित होता है, ठीक उसी प्रकार आपकी बॉडी का भी काम को करने का एक समय निश्चित होता है। ऐसे में रात के समय लिवर अपना काम करता है और शरीर को सफाई और उसे डिटॉक्सीफाई करता है, लेकिन यदि लिवर में वसा और नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी वसा जमा होता है, तो लिवर को शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए ज्यादा मेहनत लगती है, जिसका सीधा असर ब्रेन में मौजूद नर्व सिस्टम पर जाता है और नींद को खोलने की कोशिश करता है।   

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल जानकारी के रूप में लें। DNP News Network/Website/Writer इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 

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Akansha Tiwari
Akansha Tiwarihttps://www.dnpindiahindi.in
आकांक्षा तिवारी ने हाल ही में IP यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने DNP इंडिया से की है। जहां वे बतौर एजुकेशन और लाइफस्टाइल कॉन्टेंट राइटर के तौर पर अपनी सेवाएं दे रही हैं। इससे पहले वो कई मीडिया चैनलों के साथ बतौर इंटर्न भी काम कर चुकी हैं।

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