Sunday, December 22, 2024
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सर्दियों में छोटे बच्चों में इस तरह बढ़ता है Pneumonia का खतरा, जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

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Pneumonia Cases: क्या भारत में पाए गए निमोनिया के मामलों का चीन से कनेक्शन है? जानें दिल्ली AIIMS की खास रिपोर्ट

Pneumonia Cases: नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निमोनिया के कई मामले सामने आए हैं। इसको लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। कई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया कि निमोनिया के ये मामले चीन में हालिया वृद्धि से जुड़े हैं।

Pneumonia In Children: बढ़ती ठंड के साथ ही लोगों को सर्दी खांसी जुकाम की परेशानी हो जाती है। लेकिन इस कड़कड़ाती ठंड में छोटे बच्चों का बेहद ख्याल रखा जाता है। छोटे बच्चों को बदलते मौसम में निमोनिया होने की शिकायत ज्यादा हो जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक बताया जाए तो तापमान में गिरावट और प्रदूषण की दोहरी मार बच्चों को अपनी चपेट में ले लेती है। जिस वजह से बच्चे बीमार हो जाते हैं। एक रिपोर्ट में सामने आया है कि दिल्ली के तीन अस्पतालों में निमोनिया के 70 से अधिक बच्चे पीड़ित हैं, जिनका इलाज जारी है। आइए जानते हैं कि निमोनिया के क्या क्या लक्षण है।

निमोनिया के लक्षण

निमोनिया होने के सामान्य लक्षण बच्चों को हल्का बुखार और खांसी होना है। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं, जिनका खाना-पीना भी कम हो जाता है। निमोनिया होने पर बच्चों को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है। इस बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों को ठंड से बचना चाहिए। सीने में घबराहट, सांस लेने में तकलीफ निमोनिया के संकेत हैं। इसके अलावा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को निमोनिया में सांस लेने में ज्यादा परेशानी होती है।

टीका लगवाना जरूरी

विशेषज्ञों का कहना है कि निमोनिया से बचने के लिए बच्चों को जरूर टीका लगवाएं। टीका लगने से संक्रमण को रोका जा सकता है। फ्लू वैक्सीन इस संक्रमण को बचाने में मददगार होती है। विशेषज्ञ के मुताबिक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए बच्चों के लिए हेल्दी लाइफ़स्टाइल अपनाएं। इसके अलावा पर्याप्त आराम और संतुलित आहार की मदद से भी अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रांग किया जा सकता है।

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इस तरह फैलता संक्रमण

निमोनिया के संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या फिर बात करने पर हवा में कुछ बूंदे फैल जाती हैं, जिस वजह से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमण का शिकार हो जाता है। या फिर जब दूसरे लोग उस दौरान सांस लेते हैं तो संक्रमित हो सकते हैं। संक्रमण से बचने के लिए समय-समय पर हाथ धोते रहे और खांसते, छींकते समय रुमाल का इस्तेमाल करें।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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