Internet Addiction Disorder: आजकल इंटरनेट का इस्तेमाल लगभग सभी जगहों पर किया जा रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इंटरनेट जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसकी बहुत ज्यादा लत आपको बीमार कर सकती है। अगर आप घंटों मोबाइल में लगे रहते है और वर्चुअल दुनिया से जुड़े रहते है तो आप इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर का शिकार हो सकते है चलिए आपको बताते है यह क्या होता है? इसे कैसे पहचाने और इसका इलाज क्या है?
क्या होता है इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर
ऑनलाइन गेमिंग, सोशल नेटवार्किंग साइट्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी नेटवार्किंग साइट्स पर अधिक समय बिताना ज्यादातर लोगों की आदत बन चुका है। बता दें कि यह इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर के शुरूआती लक्षण हो सकते है। धीरे-धीरे लोगों को इसकी आदत लग जाती है और कुछ समय बात इतनी बिगड़ जाती है कि नेट का प्रयोग नहीं करने पर गुस्सा बेचैनी, चिड़चिड़ापन होने लगता है।
इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर के लक्षण
●इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर ग्रस्त व्यक्ति 5 से 10 घंटे सिर्फ इंटरनेट पर बिताने लगता है इसके अलावा वह व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकलता है वहीं अपने दोस्तों और परिवारवालों को कम समय देता है।
●धीरे – धीरे ऐसे व्यक्ति खाना-पीना कम कर देते है। हाथ एवं कलाई में दर्द,सूखी आंखें,वजन बढ़ना या घटना,हर काम कंप्यूटर के सामने बैठकर करना।
●यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के एक शोध के अनुसार इस बीमारी में मरीज हमेशा व्याकुल रहने लगता है।
●हमेशा बेचैनी महसूस करना, भूख नहीं लगना और नींद न आना जैसी समस्या उजागर होने लगती है।
कैसे करें बचाव
●इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को इंटरनेट का प्रयोग धीरे -धीरे कम कर देना चाहिए
●इसकी जगह व्यक्ति को किताब और संगीत की मदद लेनी चाहिए।
●दोस्तों और परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को एक ऐसे स्थान पर जाना चाहिए जहां इंटरनेट की सुविधा कम हो जैसे पहाड़।
इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर का उपचार दवाइयों के साथ-साथ बिहेवियर थेरेपी से किया जाता है।