World Lung Cancer Day 2024: फेफड़ों का कैंसर सबसे आम प्रकार के कैंसर में से एक है जो हर साल 10 लाख से अधिक लोगों की जान ले लेता है। गौरतलब है कि वर्ल्ड लंग्स कैंसर डे हर साल 1 अगस्त को मनाया जाता है। भारत में भी लंग्स कैंसर से मरने वालों की संख्या काफी अधिक है। लंग्स कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण घूम्रपान माना जाता है, लेकिन यह कुछ हद तक ही सही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि लंग्स कैंसर का खतरा वायु प्रदूषण से भी काफी अधिक होता है। यानि अगर आप तंबाकू या धूम्रपान का सेबन नहीं भी करते है तो भी आपको लंग्स कैंसर जैसी गंभीर बिमारी हो सकती है।
वायु प्रदूषण से लंग्स कैंसर होने का ज्यादा खतरा
कई लोगों का मानना है कि सिर्फ धूम्रपान से ही फेफड़ों के कैंसर का ज्यादा खतरा होता है, लेकिन यह पूरा सच नहीं है। कई शोध में खुलासा हुआ है कि कि लंग्स कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा कारक वायु प्रदूषण भी है। प्रदूषित हवा में लंबे समय से रहने के कारण लंग्स के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। एक अध्यन के मुताबिक भारत में फेफड़ोंके कैंसर से प्रभावित लोगों का संख्या 72 हजार से अधिक है।
लंग्स कैंसर के लक्षण
फेफड़ों के कैंसर के विभिन्न लक्षण हैं जो फेफड़ों की समस्या का संकेत दे सकते हैं।
●लगातार खांसी।
●सांस फूलना और सीने में तकलीफ।
●खांसी के साथ खून आना (हेमोप्टाइसिस), थकान, बिना किसी ज्ञात कारण के वजन कम होना और फेफड़ों में संक्रमण बार-बार होता रहता है।
●प्रारंभिक लक्षण महत्वहीन हो सकते हैं या सामान्य श्वसन समस्याओं के रूप में लिखे जा सकते हैं, जिससे निदान में देरी हो सकती है।
लंग्स कैंसर से कैसे करें बचाव
यह निर्भर करता है कि मरीज की बिमारी कितनी बड़ी है। हालांकि फेफड़ों के कैंसर के लिए सबसे आम उपचार में सर्जरी विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरेपी, अपशामक देखभाल, लक्षित चिकित्सा और इम्यूमोथरेपी शामिल है।