Wednesday, November 20, 2024
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Centre Ordinance on Delhi: केंद्र से आर-पार की लड़ाई के मूड में AAP, अध्यादेश के खिलाफ महारैली का ऐलान

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Centre Ordinance on Delhi: केंद्र द्वारा दिल्ली पर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अब आम आदमी पार्टी ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। पार्टी अध्यादेश के विरोध में एक महारैली करने जा रही है। जिसका ऐलान हो गया है। AAP नेता गोपाल राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पार्टी ने इस अध्यादेश के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन करने का प्लान बनाया है। इसके तहत 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली की जाएगी।

अध्यादेश के बारे में लोगों को बताएगी AAP

AAP नेता गोपाल राय ने कहा कि इससे पहले पार्टी लोगों के घर-घर जाकर इस अध्यादेश के बारे में बताएगी और यह भी बताएगी की किस तरह दिल्ली सरकार को काम करने से रोका जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के लोगों से इस महारैली में शामिल होने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के मतदाताओं की शक्ति को संरक्षित करते हुए, चुनी हुई सरकार द्वारा व्यव्स्था संचालित करने को लेकर जो फैसला आया उस फैसले के बाद केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर कोर्ट के फैसले को हाईजैक कर लिया है। जिससे सभी आश्चर्यचकित हैं।

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AAP से डर गई केंद्र सरकार

गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार से डर गई है। इसलिए ऐसे कदम उठा रही है, जो लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि लोग कहते थे कि मोदी जी तानाशाही कर रहे हैं, आज इस अध्यादेश को लाकर उन्होंने ये साबित कर दिया है। आज ये प्रयोग दिल्ली में हुआ है लेकिन आने वाले समय में पूरे देश में होगा। उन्होंने कहा कि ये एक काला अध्यादेश है, जिसका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक ये केंद्र इसे वापस नहीं ले लेती।

केंद्र ने पलटा सुप्रीम कोर्ट का फैसला

दरअसल, केंद्र सरकार ने शुक्रवार (19 मई) को दिल्ली सरकार के अधिकारों पर एक अध्यादेश जारी किया था। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। केंद्र सरकार ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को आदेश दिया था कि अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की पावर दिल्ली सरकार के पास रहेगी। अब केंद्र ने अध्यादेश के जरिए कोर्ट का फैसला पलट दिया है।

क्या कहता है अध्यादेश ?

अध्यादेश में साफ लिखा गया है कि दिल्ली यूनियन टेरिटरी है, लेकिन विधायिका के साथ। दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति कार्यालय कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और अथॉरिटीज काम कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट समेत कई संवैधानिक संस्थाएं हैं। विदेशी और तमाम ऑफिस हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है।

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Brijesh Chauhan
Brijesh Chauhanhttps://www.dnpindiahindi.in
बृजेश बीते 4 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में M.A की पढ़ाई की है। यह कई बड़े संस्थान में बतौर कांटेक्ट एडिटर के तौर पर काम कर चुके हैं। फिलहाल बृजेश DNP India में बतौर कांटेक्ट एडिटर पॉलिटिकल और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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