Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर लोकसभा में मंजूरी के लिए लाए गए, दो विधेयक उन लोगों को अधिकार प्रदान करने से संबंधित हैं। जिन्होंने अन्याय का सामना किया और अपमानित और नजरअंदाज किए गए। इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर से विस्थापित हुए लोगों के लिए सहानुभूति जताई।
‘पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर हमारा है’
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि PoK हमारा है और सारा का सारा है। उन्होंने ये भी कहा कि हर प्रताड़ित कश्मीरी याद रखेगा कि पीएम मोदी ने उनके लिए क्या किया है। उन्होंने कहा कि पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब 43 हैं।
कश्मीर में पहले 46 थीं, अब 47 हैं और पीओके में 24 सीटें आरक्षित की गई हैं क्योंकि PoK हमारा है। आगे गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विधेयक उन लोगों को न्याय देने का प्रयास करते हैं जिन्हें अपने ही देश में शरणार्थी बनने के लिए मजबूर किया गया था।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो विधेयक मैं यहां लाया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनके अधिकार प्रदान करने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान किया गया और जिनकी उपेक्षा की गई।
आगे कहा कि किसी भी समाज में, जो वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए। यही मूल बात है भारत के संविधान की। लेकिन उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत बड़ा अंतर है।
‘प्रधानमंत्री गरीबों का दर्द जानते हैं’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने इस विधेयक को कम आंकने की भी कोशिश की। किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदल रहा है। मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि नाम के साथ उनका सम्मान जुड़ा है।
उन्होंने कहा कि ये वही लोग देख सकते हैं जो इन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं, वे इसे नहीं समझ सकते, जो इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए। वह गरीबों का दर्द जानते हैं।
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