Arvind Kejriwal: दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ईडी के पास पर्याप्त सबूत थे। जिसके कारण अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना पड़ा। दिल्ली उच्च न्यायालय का कहना है कि केजरीवाल के जांच में शामिल न होने और उनके द्वारा की गई देरी का असर न्यायिक हिरासत में बंद लोगों पर भी पड़ रहा है। गौरतलब है कि 3 अप्रैल 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। वहीं कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया।
दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?
फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी ‘हवाला’ सबूत के रूप में पर्याप्त सबूत रखने में सक्षम था, और सरकारी गवाह के बयान है कि उसे गोवा चुनाव के लिए नकद में पैसा दिया गया था। गोवा चुनाव के लिए पैसा नकद भेजा गया था। गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है, रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने आगे कहा कि कोर्ट राजनीतिक दलों के नहीं बल्कि जांच एजेंसी के मुद्दों पर विचार करता है। एक अदालत को निष्पक्ष होना चाहिए और कानून के अनुसार मामले का फैसला करना चाहिए।
दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज का बड़ा बयान
आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हम आज कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।” उन्होंने आगे कहा कि कथित शराब घोटाला मामले में अब तो जो कुछ भी हुआ है उससे यही कहा जा सकता है कि पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग का नहीं, बल्कि देश की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है। ईडी या सीबीआई एक भी अवैध रुपया बरामद नहीं कर सकी। गौरतलब है कि निचली अदालत ने Arvind Kejriwal को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मालूम हो कि केजरीवाल ने गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जहां कोर्ट ने याचिका को रद्द कर दिया।