Ashok Gehlot: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की कैबिनेट का इस समय चिंतन शिविर आयाजित हो रहा है इस शिविर से पूर्व सोमवार को एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि अब आधी रात्रि के पश्चात राज्य में बार-क्लब काम नहीं कर सकेंगे। इस आशय की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने एक प्रस्ताव किया है कि केन्द्र की मोदी सरकार से देश के नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा देने के संबंध में संसद के द्वारा एक कानून बनाने का आग्रह किया है।
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चिंतन शिविर से पूर्व समीक्षा बैठक
आपको बता दें राजस्थान की गहलोत सरकार चुनावी वर्ष में प्रत्येक कदम अव फूंक फूंककर रख रही है। चूंकि एक ओर राज्य कांग्रेस जहां आंतरिक कलह से जूझ रही है। वहीं दूसरी ओर अपने 5 वर्षों के कार्यकाल की बजट पूर्व समीक्षा करना भी आवश्यक हो गई है । इसी क्रम में गहलोत सरकार ने सोमवार को समस्त विभागों के अधिकारियों की एक समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक बुला ली। इसी बैठक में सीएम ने कुछ सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिकारियों द्वारा सहयोग न किए जाने पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि देर रात्रि तक बार और क्लब खुले रहते हैं । ऐसे अकर्मण्य अधिकारियों को सेवा से समाप्त कर देना चाहिए और कठोर दिशानिर्देश देते हुए कहा कि शीघ्रातिशीघ्र रात्रि 12 बजे से पूर्व सभी बारों और क्लबों को पूर्णतः बंद करना सुनिश्चित करें।
राज्य में अपराध नियंत्रण की भी समीक्षा की
सीएम गहलोत ने इसी समीक्षा बैठक में अन्य समस्त विषयों के साथ-साथ राज्य की आपराधिक स्थिति पर भी चर्चा और समीक्षा की ताकि विपक्ष सरकार को अपराध के विषय पर घेर न सके। कानून व्यवस्था पर मंत्रालय की प्रशंसा करते हुए मंत्री के कार्य की सराहना की है। उन्होंने राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों को आधार बनाते हुए कहा कि राजस्थान में 2019 की तुलना में 2021 में 5% आपराधिक घटनाओं में कमी आई है।
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