Beggar Free India: सोमवार से ही मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर एक खबर छायी हुई है और वो है भिखारियों को भीख देने वालों पर कार्रवाई। भिखारी फ्री प्रोजेक्ट की शुरुआत 1 जनवरी 2025 से मध्य प्रदेश के इंदौर शहर (Indore Beggar Free) से होने जा रही है। ऐसे में अगर कोई नए साल से भिखारियों को इंदौर में भीख देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ FIR होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) की तरफ से भिखारियों को लेकर एक प्रोजेक्ट बनाया गया है। इसके तहत भीख मांगने वाले लोगों का पुनर्वास तो किया ही जाएगा। इसके साथ ही उन्हें रोजगार भी मुहैया कराया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 10 स्थानों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया है।
स्मार्ट सीटी की तर्ज पर ये अभियान चलाया जा रहा है। ‘भिक्षावृत्ति मुक्त भारत’ (Beggar Free India) बनाने के लिए केन्द्र सकार ने 2026 तक का लक्ष्य रखा है। दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार केन्द्र सरकार इस प्रोजेक्ट को मजबूती देने के लिए मोबाइल ऐप के साथ एक पोर्टल भी राष्ट्रीय स्तर पर जारी कर सकती है। फिलहाल ये अभियान धार्मिक स्थानों और पर्टयटन के स्थानों पर चलाया जाएगा। आज हम आपको ‘भिक्षावृत्ति मुक्त भारत’ (Beggar Free India) अभियान अगर पूरे देश में लागू होता है तो इसके क्या-क्या फायदे हो सकते हैं, इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
‘भिक्षावृत्ति मुक्त भारत’ के फायदे (Benefits of Beggar Free India)
अपहरण के मामलों मे लग सकती है लगाम
भीख मांगने के नाम पर कई लोग रैकेट चलाते हैं। जिसमें छोट बच्चों को शामिल किया जाता है। आपराधिक प्रवृत्ति के लोग बच्चों को अगवा कर लेते हैं और उन्हें बेचकर जबरन भीख मंगवाते हैं। अगर भिखारियों पर भारत में बैन लगता है तो अपहरण के मामले रुक सकते हैं।
मानव तस्करी पर लग सकता है विराम
भीख मांगने का गिरोह चलाने वाले लोग मानव तस्करी करते हैं। जिसके बाद इन बच्चों से जबरन भीख मंगवाया जाता है या फिर जिस्म फिरोशी के धंधे में बेच दिया जाता है। इसकी शुरुआत बेबस लाचार भिखारियों से होती है। केन्द्र सरकार अगर ये प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्तर पर लाती है तो मानव तस्करी पर कुछ हद तक लगाम लग सकती है।
Beggar Free India होने से भिखारियों का होगा पुनर्वास
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ‘भिक्षावृत्ति मुक्त भारत‘ बनाने का प्रमुख उद्देश्य सड़कों पर बेघर और बेरोजगार होकर घूम रहे लोगों का पुनर्वास करके उनका उत्थान करना है। ऐसे में गरीबी से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी।
भीख मंगवाने वाले गिरोह का होगा खात्मा
भीख और भिखारियों पर बैन लगने से गरीबी की आड़ में इंसानों के शोषण करने वाले गिरोह का खात्मा होगा। इससे गरीबी भी खत्म होगी। कई सारे ऐसे मामले सामने आए हैं जब भिखारियों के पास बहुत ज्यादा पैसे और संपत्ति पायी गई है।
शहर और देश की छवि सुधरेगी, अपराधों पर लगेगा बैन
अगर सरकार के द्वारा चलाया जा रहा ये प्रोजेक्ट सक्सेसफुल होता है तो इससे शहर, राज्य और देश की छवि में सुधार होगा। वहीं, गरीब लोगों के जीवन में भी बड़ा बदलाव आएगा। इसलिए भिक्षावृत्ति रोकने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार मिल-जुलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं।
देश और नागरिकों की स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से ये प्रोजक्ट लगा जा रहा है। इसकी शुरुआत नए साल 2025 से हो रही है।
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