Citizenship Amendment Act: राजनीति की क्षेत्र में अजय कुमार मिश्रा टेनी का नाम प्रसिद्ध है। फिलहाल वे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से लोकसभा सांसद और भारत सरकार में गृह राज्य मंत्री हैं। साथ ही, बीजेपी के वे कदावर नेता हैं। इस बार अजय मिश्रा उर्फ टेनी अपने बयानों को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अपने बयान में उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को बड़ा मुद्दा दे दिया है।
दरअसल, बीते कल मिश्रा पंश्चिम बंगाल के दौरे पर थे। वे उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुर नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। जानकारी हो कि उत्तर 24 परगना जिले की जिस जगह कार्यक्रम का आयोजन किया था, उसके आसपास बांग्लादेश छोड़कर भारत में बसे हिंदू शरणार्थी समुदाय “मतुआ” की बहुलता है। मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी सांसद मिश्रा यहां मतुआ समुदाय की ही एक सभा में शामिल हुए थे।
CAA को लेकर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री का बयान
अब सवाल है कि आखिरकार अजय कुमार मिश्रा टेनी ने ऐसा क्या कह दिया कि, विपक्षी दलों को हाथों-हाथ मुद्दा मिल गया है? इस जानने से पहले बता दें कि मिश्रा का विवादों से पूराना रिश्ता रहा है। वे अपने नाम को राजनीतिक कथाओं में जोड़े रखते हैं। हालांकि उनकी कार्यशैली प्रशंसा योग्य रही है। बीते रविवार (26 नवंबर) को वह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुर नगर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “नागरिकता (संशोधित) अधिनियम का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की उम्मीद है।”
अजय मिश्रा ने आगे कहा कि, “पिछले कुछ वर्षों में सीएए को लागू करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। कुछ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है। कोई भी मतुआ लोगों से नागरिकता का अधिकार नहीं छीन सकता। अगले साल मार्च तक सीएए का अंतिम मसौदा लागू होने के लिए तैयार होने की उम्मीद है।” उन्होंने संबोधन के दौरान कहा कि, “ऐसे कई राजनीतिक दल हैं, जिन्होंने सीएए पारित होने पर अराजकता फैलाई। ये दल SC भी गए और याचिकाएं दायर की। हमारे खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा 220 याचिकाएं दायर की गईं। हम इस कानून को बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपना मामला जरूर लड़ेंगे। यह हमारा वादा है। CAA निश्चित रूप से लागू किया जाएगा।” उक्त बातें केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी ने ठाकुरनगर में आयोजित दलित मतुआ उत्सव में कही।
मिश्रा के बयान पर TMC नेता का पलटवार
मिश्रा के बयान पर तृणमूल कांग्रेस के माजिद मेमन ने पलटवार कर कहा है कि, ”इस बात को हम ना भूलें की साल 2019 में ही CAA सदन में पास हो गया था, पिछले पाँच वर्ष तक सरकार क्या कर रही थी जो अब वह अचानक 2024 में जागी है।” मेमन का ये बयान टेनी के बयान पर भारी पड़ रहा है। वो भी इसलिए कि अगले साल यानी 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है। चुनाव से ठीक पहले अचानक, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का अंतिम मसौदा को लेकर चर्चाएं बीजेपी को पश्चिम बंगाल में झटका दे सकता है।
क्योंकि बीते सालों में इस पर पूर्ण विराम लगा था और चुनावी साल से पहले इस तरह की बयान वोट बैंक को साधने के बराबर मानी जाती रही हैं। मेमन ने आगे कहा कि, ”2024 के लोकसभा चुनाव में सरकार को कुछ नये हथकंडों की ज़रूरत है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी को इस बात का अंदेशा है की वो सत्ता से शायद हटा दी जाये। इस कारण से इस किस्म के हथकंडे इस्तेमाल किए जा रहे हैं।”
क्या है नागरिकता संसोधन कानून
गौरतलब है कि नागरिकता संसोधन कानून (Citizen Amendment Act) यानी सीएए (CAA) के तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश- पाकिस्तान (Pakistan), अफगानिस्तान (Afghanistan) और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम प्रवासी को बड़ी राहत मिलेगी। इस कानून के लागू होने के बाद इन देशों से आए 6 समुदाय जिनमें खास करके हिंदू, बौद्ध, ईसाई, सिख, जैन और पारसी को India की Citizenship हासिल करने में ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मालूम हो कि इससे पहले भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति को कम से कम 11 साल तक देश में रहना अनिवार्य था। सीएए (CAA) 2019 के तहत इसमें ढील दी गई है। इसे लागू होने के बाद ऊपर बताए गए (उऩ) देशों से आए वें गैर मुस्लिम प्रवासी भारत की नागरिकता हासिल कर सकते हैं, जो 1 से 6 साल तक भारतीय सरज़मीं में रहे हों।
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