Sunday, December 22, 2024
Homeख़ास खबरेंउपराष्ट्रपति धनखड़ और कानून मंत्री रिजिजू के खिलाफ Bombay High Court में...

उपराष्ट्रपति धनखड़ और कानून मंत्री रिजिजू के खिलाफ Bombay High Court में याचिका, जानें पूरा मामला

Date:

Related stories

‘PM Modi ने मुसलमानों के लिए..,’ मुस्लिम समुदाय का जिक्र कर ये क्या बोल गए Kiren Rijiju? Congress को क्यों दी चेतावनी?

Kiren Rijiju: महाराष्ट्र में इस वर्ष के अंतिम में विधानसभा के चुनाव होने है। इसको लेकर अब राजनीतिक क्रिया-कलाप तेज हो गई है। इसी क्रम में आज BJP नेता व केन्द्रीय मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) महाराष्ट्र के मुंबई शहर पहुंचे।

10वीं में साइंस ना लेने पर रुका 12वीं का रिजल्ट, फिर Bombay High Court ने ऐसे पलटा आदेश

Bombay High Court: बॉम्बे हाइ कोर्ट के सामने आया एक अनोखा केस जिसमें 10वीं में साइंस ना लेने पर 12वीं में नतीजे को रोक दिया है।

Bombay High Court: भारतीय न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ नवनियुक्त उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar)और केन्द्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू(Kiren Rijiju) के बयानों को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। दायर याचिका के माध्यम से यह मांग की गई है कि उक्त दोनों प्रमुख व्यक्तियों के हालिया बयान भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में उनके विश्वास की कमी को दर्शाता है, ऐसे में इनका संवैधानिक पदों पर बने रहना उचित नहीं है।

ये भी पढ़ेःBudget Reaction Opposition: कांग्रेस ने मोदी सरकार के बजट को कहा ‘जुमला’ तो ममता बोलीं- जनविरोधी, जानें रिएक्शन

जानें क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति धनखड़ और कानून मंत्री रिजिजू के खिलाफ बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन की तरफ से एक जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें मांग की गई है कि उपराष्ट्रपति धनखड़ तथा किरण रिजिजू ने संविधान के अनुसार पद और उसकी गरिमा की शपथ लेते हुए संवैधानिक पद ग्रहण किए हुए हैं लेकिन उनका संवैधानिक व्यवस्था पर ही सवाल उठाने वाला हालिया बयान भारत के संविधान में उनके विश्वास में कमी को दिखाता है। अतः उनकी कोर्ट से मांग है कि वह तुरंत उपराष्ट्रपति धनखड़ और कानून मंत्री रिजिजू को अयोग्य घोषित कर आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करने पर रोक लगाए। उनका सार्वजनिक आचरण संवैधानिक पदों को धारण करने के पूरी तरह अयोग्य है।

जानें बयानों में क्या कहा था

उपराष्ट्रपति जगदीप धनगड़ ने पिछले साल दिसंबर 2022 में संसद के शीतकालीन सत्र में उच्च सदन राज्यसभा की अध्यक्षता करते हुए कहा था कि सरकार ने जजों की नियुक्ति के लिए संसद से एनजेएसी अधिनियम एक नया कानून पारित किया था। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अव्यवहारिक बताकर खारिज कर दिया था। इसकी प्रतिक्रिया में राज्यसभा अध्यक्ष उपराष्ट्रपति धनगड़ ने कोर्ट के इस आदेश को “लोगों के जनादेश” की अवहेलना बता दिया था।

वहीं दूसरी ओर कानून मंत्री किरण रिजिजू ने भी पिछले साल नबंवर में जजों की नियुक्ति के लिए चली आ रही कॉलेजियम व्यवस्था को “अपारदर्शी और जवाबरहित” बता दिया था। उन्होंने आगे संकेत देते हुए कहा था कि जब तक केन्द्र सरकार एक वैकल्पिक तंत्र तैयार नहीं कर देती, तब तक उन्हें वर्तमान व्यवस्था से ही काम चलाना होगा।

ये भी पढ़ेः China Removed One Child Policy: दुनिया का अनोखा देश जहां बिना शादी किए लोग कर सकते हैं दर्जनों बच्चे पैदा, वजह जानकर सिर चकरा जाएगा

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘DNP INDIA’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOKINSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Hemant Vatsalya
Hemant Vatsalyahttp://www.dnpindiahindi.in
Hemant Vatsalya Sharma DNP INDIA HINDI में Senior Content Writer के रूप में December 2022 से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने Guru Jambeshwar University of Science and Technology HIsar (Haryana) से M.A. Mass Communication की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने Delhi University के SGTB Khalasa College से Web Journalism का सर्टिफिकेट भी प्राप्त किया है। पिछले 13 वर्षों से मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं।

Latest stories